नई दिल्ली:कोरोना महामारी का संकट अभी खत्म भी नहीं हुआ कि एक नए वायरस से खतरे की बात सामने आ रही हैं. जानकारी के मुताबिक पश्चिम अफ्रीकी देश गिनी में मारबर्ग वायरस का मामला सामने आया है, जिसके बाद यहां अफरातफरी मच गई है. वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने भी इस वायरस की पुष्टि की है.
जानकारों ने इस मारबर्ग वायरस को अधिक खतरनाक माना है. बता दें, यह जानवरों से मनुष्यों में भी फैल सकता है.
WHO ने जानकारी दी है कि मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) की वजह से एक व्यक्ति की मौत भी हुई है. 1967 से अब तक 12 प्रमुख मारबर्ग प्रकोप देखने को मिले हैं, लेकिन ज्यादातर प्रकोप दक्षिणी और पूर्वी अफ्रीका में सामने आए थे.
मारबर्ग वायरस के मामले की पुष्टि ऐसे समय पर हुई है, जब दो महीने पहले ही WHO ने ऐलान किया कि गिनी में इबोला का दूसरा प्रकोप खत्म हो चुका है. अफ्रीका के लिए WHO की क्षेत्रीय निदेशक डॉ मत्शिदिसो मोएती (Matshidiso Moeti) ने कहा, मारबर्ग वायरस के दूर-दूर तक फैलने की आशंका का मतलब है कि हमें इसे फैलने से रोकने की जरूरत है. हम इबोला को लेकर गिनी के साथ पिछले अनुभवों पर आधारित तेज कार्रवाई करने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों संग काम कर रहे हैं. ये बीमारी भी इबोला की तरह ही फैलती है. गिनी में ये मामला पिछले हफ्ते सामने आया था.
एक नजर मे मारबर्ग वायरस के बारे में महत्वपूर्ण बातें
(1.) WHO के मुताबिक, मारबर्ग भी उस वायरस की वजह से होता है, जिसकी वजह से इबोला रोग होता है. ऐसे में दोनों ही वायरस ‘फिलोविरिडे या फाइलोवायरस’ परिवार से आते हैं. इसकी वजह से रक्तस्रावी बुखार होता है और इस वायरस से संक्रमित होने पर मृत्यु दर 88 फीसदी है.