रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आखिरकार प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को यह जानकारी नहीं ही दी कि उनका बयान कहां दर्ज हो. ईडी ने दो दिनों के भीतर सीएम से स्थान और समय तय करने को लेकर पत्र लिखा था. ऐसे में अब आगे क्या होगा? ईडी की अब क्या रणनीति होगी और सीएम हेमंत के मन में क्या है इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है.
बढ़ेगा तनाव: ईडी के सातों समन को नजरअंदाज करने वाले सीएम हेमंत सोरेन क्या करने के मूड में हैं, यह अंदाजा लगाया जा रहा है. इतना तो तय माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और ईडी के बीच तकरार कुछ ज्यादा ही बढ़ने वाला है. ईडी अब सीएम को लेकर कौन सा रास्ता अपनाती है यह भी देखने वाली बात होगी. इस मामले में एक तरफ जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी कानूनी सलाह ले रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ ईडी भी आगे की कार्रवाई को लेकर प्लानिंग कर रही है.
सीएम का दर्ज होना था बयान: ईडी के छह समन के बाद भी ईडी दफ्तर नहीं पहुंचने वाले सीएम हेमंत को ईडी के द्वारा जमीन घोटाले मामले में बयान दर्ज करने के लिए 31 दिसम्बर का समय ईडी ने एक निश्चित स्थान तय करने का समय दिया था. लेकिन सीएम ने ईडी के सातवें समन को भी अनुसना कर दिया. ऐसे में यह तय माना जा रहा है की जनवरी में ईडी सीएम हेमंत को लेकर कोई न कोई बड़ा निर्णय जरूर ले लेगा. क्योंकि ईडी ने सीएम हेमंत को पूछताछ का आखिरी मौका दिया था.
गौरतलब है कि ईडी के द्वारा जारी किए गए पत्र में यह लिखा गया था कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बड़गाई जमीन घोटाले मामले में पूछताछ बेहद जरूरी है. इस मामले की तफ्तीश को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री का बयान दर्ज करना बेहद आवश्यक है. बयान दर्ज नहीं होने की वजह से जांच प्रभावित है. ऐसे में मुख्यमंत्री को यह आखिरी मौका दिया जाता है कि वह कोई ऐसा जगह तय करें जो ईडी और उनके दोनों के लिए ही उपयुक्त हो. वहीं पर मुख्यमंत्री का बयान दर्ज किया जाएगा.