लखनऊ : जौनपुर जिले में एक अजीबोगरीब मामला कोर्ट में तब आया जब मर्डर केस में सुनवाई हो रही थी. जिस व्यक्ति के मर्डर पर सुनवाई हो रही थी वह साधु के वेश में कोर्ट पहुंच गया. कोर्ट में साधु के वेश में पहुंचे आदमी ने जज से कहा कि मैं अभी जिंदा हूं साहब.
कोर्ट में पहुंचने के बाद उसने जज से जान बचाने की गुहार लगाई.
जौनपुर के सीजेएम कोर्ट में अपहरण कर हत्या के मामले की सुनवाई चल रही थी. यह सुनवाई जनपद के खेतासराय के बरजी गांव निवासी जिस मूलचंद्र की अपहरण कर हत्या के मामले में चल रही थी, अचानक से वह साधु के वेश में कोर्ट पहुंच गया. कोर्ट में पहुंचते ही उसने जज से अपनी जान बचाने की गुहार लगाई. उसने कहा कि जिस आदमी ने प्रार्थना पत्र दिया है उसी से उसको जान का खतरा है. उसने जज से कहा 'मैं जिंदा हूं साहब और मेरी जान को खतरा है'.
अपहरण कर संपत्ति का करा लिया बैनामा
बता दें कि खेतासराय थाना क्षेत्र के बरजी गांव निवासी अनिल कुमार बिंद ने कोर्ट में अपने अधिवक्ता के जरिए प्रार्थना पत्र दिया कि उसके अविवाहित चाचा मूलचंद मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं. प्रार्थना पत्र में अनिल कुमार बिंद ने आरोप लगाया कि फूलचंद, हरीश चंद्र व अन्य लोगों ने विगत 4 नवंबर को मूलचंद का अपहरण कर संपत्ति का बैनामा करा लिया. उसका आरोप था कि बैनामा कराने के बाद मूलचंद की हत्या कर शव को गायब कर दिया. इस बाबत कोर्ट द्वारा थाने से रिपोर्ट भी तलब की गई. विगत 19 जनवरी को कोर्ट में दरखास्त पड़ी कि मूलचंद जिंदा है.
सोमवार को कोर्ट में उस वक्त सन्नाटा पसर गया जब साधु के वेश में पहुंचकर उसने जज से बताया कि वह अभी जिंदा है. उक्त व्यक्ति द्वारा यह दावा किया गया कि वही मूलचंद है. इतना ही नहीं बल्कि उसने वादी अनिल पर आरोप भी लगाया. उसने कहा कि यह लोग मेरी जमीन बिना मुझे पैसे दिए हड़पना चाहते हैं. उसने कहा कि जान-माल के संदर्भ में उसने कई बार थाने में भी सूचित किया लेकिन उसे कोई सुरक्षा नहीं मिली.
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हालांकि वादी के वकील ने उसकी इस दलील को सिरे से खारिज कर दिया. वादी के वकील ने कहा कि उक्त व्यक्ति मूलचंद नहीं है. प्रस्तुत हुए व्यक्ति की तस्वीर भी आधार कार्ड से नहीं मिल रही है. कोर्ट द्वारा वादी को पक्ष रखने के लिए 17 मार्च की तिथि दी गई है.