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Published : Oct 22, 2021, 6:41 PM IST

Updated : Oct 22, 2021, 11:10 PM IST

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हर्षिल-छितकुल के लखमा पास पर लापता 7 ट्रैकर्स की मौत, तीन शव लाए गये हर्षिल

उत्तराखंड में हर्षिल-छितकुल (harsil chitkul) के लखमा पास (lakhma pass) पर लापता हुए 7 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है. इसमें से 3 शव वायु सेना के हेलीकॉप्टर से हर्षिल लाए जा चुके हैं. इस टीम में कोलकाता के 7, दिल्ली का एक पर्यटक और उत्तरकाशी के तीन रसोइए थे, जो 14 अक्टूबर को हर्षिल-छितकुल के लखमा पास के लिए रवाना हुआ थे.

तीन शव लाए गये हर्षिल
तीन शव लाए गये हर्षिल

उत्तरकाशी:हर्षिल-छितकुल के लखमा पास पर बर्फबारी के दौरान लापता 11 ट्रैकर्स में से 7 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है. शुक्रवार को तीन शवों को हर्षिल लाया गया. हर्षिल की बिहार रेजीमेंट सेना सहित एसडीआरएफ लगातार वायु सेना के हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू अभियान चला रही है. 5 लोगों की पहचान हो चुकी है. दो की पहचान नहीं हो सकी है.

वहीं, आज सुबह एक गाइड देवेंद्र को जिंदा रेस्क्यू किया गया और वायु सेना के हेलीकॉप्टर से उन्हे हर्षिल पहुंचाया गया. देवेंद्र पुरोला उत्तरकाशी के ही रहने वाले हैं. वहीं, बीते दिन रेस्क्यू किए गए पश्चिम बंगाल निवासी 31 वर्षीय ट्रैकर मिथुन दारी का जिला अस्पताल में अभी इलाज चल रहा है.

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि शुक्रवार दोपहर तक 3 शव हर्षिल लाए जा चुके हैं. अन्य शवों को भी लाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके साथ ही लापता लोगों की तलाश भी जारी है.

घायल ट्रैकर मिथुन दारी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि 17 अक्टूबर को दोपहर में अपने कैंप से वो लखमा पास के लिए रवाना हुए तो मौसम साफ था. दोपहर बाद जब उन्होंने लखमा पास को पार किया, तब भी मौसम साफ था. जब वो लखमा पास पार करने के बाद छितकुल (हिमाचल प्रदेश) के लिए रवाना हुए, तभी अचानक भारी बर्फबारी शुरू हो गई.

घायल ट्रैकर मिथुन दारी की ईटीवी भारत से बातचीत

बर्फबारी के बीच बिताए तीन दिनःमिथुन दारी ने बताया कि उनके गाइड ट्रैकर्स के साथ आगे-आगे बर्फ हटाकर रास्ता बना रहे थे. जबकि, पोर्टर पीछे थे. तभी अचानक मिथुन के दो साथी बर्फ में फिसलने के कारण नीचे जा गिरे. तभी मिथुन के पीछे से एक साथी भी फिसला और मिथुन के पैर पर गिरने के बाद वो भी नीचे फिसल गया. जिसमें मिथुन का पैर बुरी तरह जख्मी हो गया. मिथुन के गाइड 37 वर्षीय देवेंद्र ने उन्हें किसी प्रकार संभाल कर टैंट में लाए. तब तक बर्फबारी भारी होने के कारण सभी साथी अलग-थलग पड़ गए. मात्र अपने गाइड के साथ उन्होंने अपनी चोट के साथ टैंट के अंदर किसी प्रकार तीन दिन काटे. दो दिन बाद हेलीकॉप्टर की आवाज सुन कर किसी प्रकार जीवित बचने की उम्मीद बची.

हर्षिल-लखमापास-छितकुल ट्रैक पर मिले शवों की पहचान

  1. अनिता रावत, पुत्री ज्योति सिंह, उम्र 38 वर्ष, निवासी हरी नगर, साउथ वेस्ट, दिल्ली.
  2. तन्मय तिवारी, उम्र 30 वर्ष, निवासी कृष्णनगर कोलकाता.
  3. सौरव घोष, उम्र 34 वर्ष निवासी कोलकाता.
  4. सवियान दास उम्र 28 वर्ष निवासी कोलकाता.
  5. विकास मैकल पुत्र स्वपन मैकल, उम्र 33, राघवपुर, नेपालगंज.

ये अभी लापता हैं

  1. उपेंद्र सिंह, उम्र 32 वर्ष, निवासी पुरोला उत्तरकाशी.
  2. ज्ञानचंद, उम्र 33 वर्ष, निवासी पुरोला उत्तरकाशी.
  3. रिचर्ड मंडल, उम्र 30 वर्ष निवासी कोलकाता.
  4. सुकेन मांझी, उम्र 43 वर्ष, निवासी कोलकाता.

घायलों के नाम:-

  1. मिथुन दारी, उम्र 31 वर्ष, निवासी कोलकाता.
  2. देवेन्द्र, उम्र 37 वर्ष, निवासी पुरोला, उत्तरकाशी.

पढ़ें:उत्तराखंड में आईटीबीपी के तीन पोर्टर, 8 ट्रैकर्स सहित कई अन्य लापता

गौर हो कि बीते 14 अक्टूबर को दिल्ली और कोलकाता के 8 ट्रैकर्स के साथ 17 सदस्यीय दल हर्षिल-छितकुल के लखमा पास के लिए रवाना हुआ था. दल के लखमा पास पार करने के बाद टीम के 6 पोर्टर बीती मंगलवार को हिमाचल प्रदेश की ओर ITBP कैम्प पहुंच गए थे लेकिन 8 ट्रैकर्स सहित अन्य 3 लोग भारी बर्फबारी के चलते लापता हो गए थे. स्थानीय ट्रैकिंग एजेंसी ने घटना की सूचना बुधवार (20 अक्टूबर) को जिला आपदा प्रबंधन विभाग की दी थी. सूचना के आधार पर एक हेलीकॉप्टर सहित SDRF की टीम ट्रैकर्स के खोज-बचाव के लिए मौके के लिए रवाना हुई थी.

इस टीम में कोलकाता के 7, दिल्ली का एक पर्यटक और उत्तरकाशी के तीन रसोइए थे. 19 अक्टूबर को ये टीम वहां पहुंचने वाली थी. हालांकि, जब यह मंगलवार (19 अक्टूबर) को छितकुल नहीं पहुंची, तो चिंतित ट्रैक आयोजकों ने उत्तरकाशी जिला आपदा प्रबंधन को सूचित किया.

Last Updated : Oct 22, 2021, 11:10 PM IST

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