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बालाघाट जिले में क्यों हुआ एक ही शव का दो बार अंतिम संस्कार, देखिए.. क्या है माजरा - निशानों के आधार पर की शिनाख्त

बालाघाट जिले के एक गांव में एक शव का दो बार अंतिम संस्कार हुआ. पहले क्रिश्चयन रीति- रिवाज से तो दोबारा आदिवासी रीतिरिवाज से. दरअसल, दो परिवारों ने अपने घर के सदस्य की गुमशुदगी पुलिस थाने में दर्ज कराई थी. इसी दौरान एक अज्ञात शव बरामद किया गया. शव क्षत-विक्षत था. इसलिए पहचान करना मुश्किल था. जब एक क्रिश्चयन परिवार ने उस शव को अपने घर का सदस्य बताया तो पुलिस ने उसे सौंप दिया. शव दफनाने के बाद एक आदिवासी परिवार ने जब आपत्ति ली तो दोनों परिवारों के समक्ष पुलिस ने दफनाए गए शव को निकलवाया और आदिवासी परिवार को सौंपा. (Same dead body cremated twice in Balaghat) (Dead Body identification of marks) (Consent of both families buried body removed)

Same dead body cremated twice in Balaghat
बालाघाट जिले में क्यों हुआ एक ही शव का दो बार अंतिम संस्कार

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Published : Jun 6, 2022, 5:15 PM IST

बालाघाट।जिले के बैहर थाना में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां एक लापता व्यक्ति का शव बरामद किया गया. एक परिवार ने शव की पहचान कर उसे घर का सदस्य माना और अंतिम संस्कार किया. दूसरे परिवार को जब लापता शव की जानकारी मिली तो परिजनों पहुंचकर दफन किए गए शव को बाहर निकाला और पुनः अंतिम संस्कार किया.

कब्रगाह से शव निकालते

नदी किनारे मिला था शव :बता दें कि बैहर जत्ता भण्डेरी में कुछ दिनों पहले नदी के किनारे किसी अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद हुआ था. इसकी जानकारी कोटवार द्वारा बैहर थाने को दी गई. चूंकि शव अज्ञात था, इसलिए बैहर थाने द्वारा सभी आसपास के थानों में इसकी सूचना दी गई. गुमशुदा लोगों के बारे में जानकारी ली गई. बैहर उकवा थाने के अंतर्गत अमित जेम्स ने पिता आनन्द जेम्स की गुमशुदगी की रिपोर्ट उकवा थाने में दर्ज करायी थी. परिजनों को शव की शिनाख्त करने बुलाया गया.

शव की शिनाख्त कराती पुलिस

निशानों के आधार पर की शिनाख्त :शव की स्थिति भी अच्छी नहीं थी. शव के शरीर में निशानों को आधार बनाकर परिजनों द्वारा मृतक को आनन्द जेम्स बताया गया. इसके बाद बैहर पुलिस द्वारा कानूनी कार्रवाई कर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया. परिवार ने अपनी धार्मिक परम्पराओं के अनुसार शव को मिशन स्कूल बैहर के पास कब्रिस्तान में दफना दिया. इसके बाद मलाजखंड टिगीपुर निवासी बैगा परिवार ने जब व्हाट्सअप पर मृतक की फोटो देखी तो उन्होंने बैहर थाने में शिकायत दर्ज कराई कि मृतक हमारे परिवार का सदस्य सुखलाल परते है.

शव को निकालने के लिए खुदाई

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दोनों परिवारों में बनी सहमति :इस पर बैहर पुलिस द्वारा कार्रवाई करते हुये दोनों परिवारों के समक्ष दफनाये गए शव को बहार निकाला गया. दोनों परिवारों की आपसी सहमति एवं शव के निशानों के आधार पर मृतक को सुखलाल परते माना गया. परिजनों को शव सौंप दिया गया. इसके बाद दूसरी बार अंतिम संस्कार किया गया. (Same dead body cremated twice in Balaghat) (Dead Body identification of marks) (Consent of both families buried body removed)

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