नई दिल्ली : भारत की शीर्ष दवा नियामक, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने विश्व स्वास्थय संगठन सोलिडेरिटी ट्रायल में एकलाब्रुटिनिब दवा को शामिल करने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल ऐड रिसरर्च इंस्टीट्यूट (NARI) को अनुमति देने से इनकार कर दिया है.
DCGI की विशेषज्ञ समिति (SEC) ने बुधवार को आयोजित अपनी बैठक में कहा था कि पायलट स्टडी या अधिक आंकड़ों के परिणामों को प्रकाशित किए बिना परीक्षण में एकलाब्रुटिनिब को शामिल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती.
उल्लेखनीय है कि ICMR-NARI को भारत में विश्व स्वास्थ संगठन के सोलिडेरिटी ट्रायल करने के लिए जिम्मेदारी दी गई है.
इससे पहले विशेषज्ञ समिति ने 19 रोगियों के उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर, पायलट अध्ययन के संचालन के लिए किसी अन्य फर्म को अनुमति देने की सिफारिश की थी.
ICMR-NARI का मानना है कि ब्रिटिश ड्रग प्रमुख एस्ट्राजेनेका द्वारा निर्मित कैंसर की दवा एकलाब्रुटिनिब को सोलिडेरिटी ट्रायल की अनुमति मिलनी चाहिए. अधिकारियों ने कहा कि एकलाब्रुटिनिब में अति-सूजन (hyper-inflammation) का मुकाबला करने की क्षमता है.
अध्ययन से सामने आया है कि कई बार कोविड-19 गंभीर हाईपर-इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम के साथ होता है, जो विभिन्न जटिलताओं और मृत्यु का कारण बनता है.