नई दिल्ली : केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने भारत बायोटेक के कोविड19 वैक्सीन कोवैकेसीन के उपयोग के लिए 'क्लीनिकल ट्रायल मोड' को हटाने की सिफारिश की. समिति की इस सिफारिश को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने गुरुवार को स्वीकार कर लिया.
हैदराबाद स्थित कंपनी ने पिछले हफ्ते दावा किया कि कोवैक्सीन ने अपने तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में 81 प्रतिशत की प्रभावकारिता दिखाई. निष्कर्षों के बाद कंपनी ने क्लीनिकल ट्रायल मेथड को हटाने के लिए DCGI से संपर्क किया.
बता दें कि इस साल जनवरी में कोवैक्सीन को टीके प्रभावकारिता के अधूरे डेटा के कारण क्लीनिकल ट्रायल मोड के तहत इमेंरजेंसी इस्तेमाल के लिए अधिकृत कर दिया गया था.
हाल ही में एक वैश्विक चिकित्सा पत्रिका द लैंसेट ने कहा है कि BBV152 (कोवैक्सीन) सुरक्षित है और इसके कोई गंभीर प्रतिकूल प्रभाव भी नहीं देखने को मिले हैं.
बुधवार को हुई अपनी बैठक में विशेषज्ञ समिति ने नैदानिक परीक्षण मोड में वैक्सीन के उपयोग की स्थिति के लिए सिफारिश की. समिति ने कहा, 'हालांकि, आपातकालीन स्थिति में ही इस वैक्सीन का उपयोग जारी रखा जाना चाहिए, जबकि भारत बायोटेक ने विशेषज्ञ समिति को देश में अपने तीसरे चरण का संपूर्ण अपडेट डेटा दिया था.