हैदराबाद :बेटियां हमेशा से माता-पिता की दुलारी रही हैं. हर माता-पिता यही चाहते हैं कि उनकी लाडली को जीवन में हर सुख मिले जो वह चाहती है. बेटियां भी माता-पिता की इच्छाओं पर खरी उतरने की पूरी कोशिश करती हैं.
समर्पण, त्याग, स्नेह के बीच बंधी रिश्तों की ये डोर संकट की घड़ी में और अहम हो जाती है. हाल के दिनों कई जगहों पर भावुक दृश्य देखने को मिले जब बेटियों ने माता-पिता की जान बचाने की पूरी कोशिश की या अंतिम वक्त तक उनकी जिंदगी के लिए लड़ीं या उनकी अंतिम क्रिया की.
बेटियों ने मुंह से ऑक्सीजन देकर बचाई मां की जान
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले का एक भावुक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. बहराइच मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में पहुंचे मरीजों को ऑक्सीजन मुहैया नहीं हो पा रही थी. ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिला तो बेटियों ने मुंह से अपनी मां को ऑक्सीजन दी. ऐसा करके बेटियों ने मां का सांस को थमने नहीं दिया.
अंतिम समय तक नहीं छोड़ा कोरोना संक्रमित पिता का साथ
संक्रमण के डर में कई जगह ऐसे मामले सामने आए हैं जब माता-पिता ने मरने के बाद अपनी औलाद को अस्पताल में छोड़ दिया या संतानों ने माता-पिता का शव लेने से इनकार कर दिया. लेकिन इससे ठीक उलट मामला आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में सामने आया जब एक बेटी ने संक्रमित पिता का साथ छोड़ने से इनकार कर दिया. लाख मना करने पर भी वह न केवल अपने कोरोना संक्रमित पिता के पास जाती है बल्कि अंतिम समय में अपने पिता को पानी भी पिलाती है, बेटी के हाथ से पानी की दी घूंट पीने के बाद ही कोरोना संक्रमित पिता की मौत हो जाती है.
मां का शव ले जाने के लिए की जद्दोजहद, किया अंतिम संस्कार
राजस्थान के जोधपुर में भी ऐसा ही भावुक कर देने वाला मामला सामने आया जब बेटियों ने मां का अंतिम सफर तक साथ दिया. उत्तर प्रदेश के अकबरपुर जिले के रहने वाले सेना से रिटायर्ड सूबेदार राजीव कुमार चतुर्वेदी की पत्नी संतोष लता की तबीयत खराब थी. बेटियां मां को लेकर जोधपुर के सैनिक अस्पताल पहुंचीं लेकिन उनकी जिंदगी नहीं बचा सकीं.
जोधपुर के सैनिक अस्पताल ने शाम करीब चार बजे संतोष लता का शव बेटियों के सुपुर्द कर दिया, लेकिन श्मशान तक ले जाने के लिए उन्हें कोई साधन नहीं मिला. इस बीच बेटियां सैनिक अस्पताल के बाहर लोगों से गुहार लगाती रहीं. इस दौरान उनके परिचित थानाराम ने टैंपो चालक कानाराम को रोका और उससे मदद की गुहार लगाई, परिवार की परेशानी में देख टैंपो चालक तैयार हो गया, लेकिन श्मशान पहुंचने से पहले ही रास्ते में टैंपो का डीजल खत्म हो गया. इस बीच बड़ी मुश्किल से किसी तरह शव को श्मशान घाट ले जाया गया.
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संतोष लता की बड़ी बेटी दीपिका ने उनका अंतिम संस्कार किया. दाह संस्कार के अंतिम दर्शन यूपी में बैठे पिता और परिजनों को भी मोबाइल पर लाइव करवाए. अंतिम संस्कार से पहले कोरोना संक्रमण के खौफ के बीच दोनों बेटियों के साथ कुछ लोगों ने वृद्धा को कुछ दूर तक कंधा दिया.