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Daughters Day 2022: बेटियों से होती है इन गांवों की पहचान, हर घर के नेम प्लेट पर बेटियों के नाम - डॉटर्स डे 2022

25 सितंबर को डॉटर्स डे है. विश्व या देश में आज किसी भी क्षेत्र में बेटियां बेटो से कम नहीं है. हर वो क्षेत्र में बेटियों पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है, जहां ये माना जाता था कि लड़कियां लड़कों के बराबर नहीं हैं. बैतूल में बेटियों के महत्वता को लेकर कुछ अलग ही नजारा देखने मिला, यहां घरों की नेम प्लेट पर घर के बड़े-बुजुर्ग या बेटे नहीं बल्कि बेटियों का नाम अंकित है. लिहाजा घरों की पहचान बेटियों के नाम से होती है, इसके बाद कहा जा सकता है कि बेटियां बेटों से कम नहीं. Daughters Day 2022, betul houses name plates in name of daughters, Lado campaign start from Betul

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Published : Sep 25, 2022, 1:00 PM IST

बैतूल।अखंड भारत के केंद्र बिंदु बरसाली सहित 120 गांवों में बेटियों के नाम से घरों की पहचान है. गांव में अधिकांश घरों में लाडो अभियान के तहत बेटियों के नाम की नेमप्लेट लगाई गई है. बैतूल से शुरू हुआ यह अभियान अब देश के 14 राज्यों के 120 गांव तक पहुंच गया है. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत बैतूल में 2015 में लाडो अभियान की शुरुआत की गई. बैतूल के एक घर से शुरू हुआ यह अभियान वार्ड के हर घर तक पहुंचा. इसके बाद ये आसपास के गांवों और अब देश के 14 राज्यों तक पहुंच गया है. Daughters Day 2022, betul houses name plates in name of daughters

बेटियों के नाम की लगी नेमप्लेट

जिले में बरसाली, खण्डरा, बेटियां, कान्हावाड़ी में बेटियों के नाम की लगाई नेमप्लेट: बैतूल जिले में बरसाली, खण्डरा, कान्हावाड़ी में अधिकांश घरों में बेटियों के नाम की नेमप्लेट लगाई है. घरों की पहचान अब घर के मुखिया के नाम से नहीं होती बल्कि बेटियों के नाम से होती है. बाहर से जब कोई आता है तो बेटियों को इतना मान, सम्मान और महत्व मिलते देख वह भी बेहद खुश हो उठते हैं. इस सकारात्मक पहल से गांव में एक बड़ा बदलाव यह हुआ कि अब बेटियों को केवल अपने परिवार में ही नहीं बल्कि पूरे गांव में एक जैसा मान सम्मान मिलता है.

अपने नाम की नेम प्लेट दिखातीं बेटियां

देश भर में हर घर मे मिले बेटियों को पहचान: लाडो अभियान के संचालक समाजसेवी अनिल यादव बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच लाने और कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए लम्बे समय से काम कर रहे हैं. अनिल यादव ने बताया की 2015 में अपनी बेटी के जन्मदिन पर लाडो अभियान की शुरू की. अपने घर में पिता के नाम की नेमप्लेट की जगह बेटी के नाम की नेमप्लेट लगाई. यह देख कर वार्ड के लोग भी प्रेरित हुए. वार्ड में लोगों के घर में भी बेटियों के नाम की नेमप्लेट लगाई. इसके बाद गांवों और अब देश के 14 राज्यों में 120 गांवों में यह अभियान पहुंच चुका है.

बेटियों के नाम की नेमप्लेट

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निशुल्क लगाते है बेटियों के नाम की नेमप्लेट: अनिल यादव ने बताया खुद के खर्च पर बेटियों का नेम प्लेट घरों में लगाते हैं. इससे समाज में न केवल एक सकारात्मक बदलाव आया है बल्कि घरों की पहचान ही अब बेटियों के नाम से हो गई है.(Daughters Day 2022) (betul houses name plates in name of daughters) (Lado campaign start from Betul) (Lado campaign reached 14 states of country)

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