जयपुर. राजस्थान में बेटियों को स्टाम्प पर बेचने का मामला तूल पकड़ने लगा है. प्रकरण सुर्खियों में आने के बाद गहलोत सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं. मामले की गंभीरतो को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission of India) ने गहलोत सरकार (Rajasthan Govt) को नोटिस देकर जवाब मांगा है. इस मामले में भाजपा की ओर से गहलोत सरकार पर जमकर हमले बोले जा रहे हैं. इसके साथ ही राज्य महिला आयोग अध्यक्ष ने मामले में सख्त कार्रवाई की अपील की है. हालांकि प्रकरण को सीएम गहलोत ने कई साल पुराना बताया है. इसके साथ ही राज्य बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष आज भीलवाड़ा पहुंची और मामले में जानकारी जुटाई.
एनएचआरसी की दो सदस्यीय टीम आज भीलवाड़ा पहुंची है. महिला आयोग दिल्ली की सेक्रेटरी शिवानी डे और कानूनी सलाहकार अनन्या सिंह जहाजपुर पहुंच गई हैं. इसके साथ ही एनएचआरसी के नोटिस पर गहलोत सरकार के मंत्री खाचरियावास ने कहा कि पहले मानवाधिकार आयोग की टीम को प्रकरण की जांच करनी चाहिए थी, न कि इस पर सियासत.
राजस्थान में बेटियों के सौदे का मामला भाजपा नेताओं ने उठाए सवाल:बीजेपी ओर से सूबे की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाया गया और कहा गया कि राजस्थान के लिए इससे बुरा और कुछ नहीं हो सकता है. प्रदेश के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सदियों पहले ऐसा सुना था, लेकिन अब गहलोत राज में कर्ज वसूली के नाम पर बेटियों का सौदा हो रहा है. यह वाकया राजस्थान को शर्मसार करने वाला है.
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रेहाना रियाज ने डीजीपी को भेजा नोटिस:भीलवाड़ा में बच्चियों के स्टाम्प पर बेचने की घटना पर (Daughter Deal in Rajasthan) राजस्थान महिला आयोग ने मुख्य सचिव व DGP को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने कहा कि जिस तरह की घटनाएं सामने आई हैं, उसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस वाकया में संलिप्त सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ये है मामला: दरअसल, कर्ज में डूबे परिवार की बेटियों को बाकायदा स्टाम्प पेपर पर ( selling daughter on stamp paper) लिखवाकर बेचने का यह मामला जयपुर से 340 किलोमीटर दूर भीलवाड़ा से आया है. इस घिनौने अपराध में जातीय पंच के शामिल होने की भी बात सामने आई है. साथ ही बताया गया कि 8 से 18 साल की बच्चियों को यहां नीलाम किया जाता था. इन लड़कियों को उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, मुंबई, दिल्ली के साथ ही विदेशों तक में भेजा जा रहा था.
सीएम गहलोत ने बताया पुराना मामला भीलवाड़ा के पंडेर गांव से यह घटना सामने आई. यहां कई बस्तियों में गरीब परिवारों की बच्चियों को दलाल स्टाम्प पेपर पर खरीदकर उन्हें बेचते थे. इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि गरीब परिवार की बच्चियों के माता-पिता को अपने जाल में फंसाकर पहले तो उन्हें कर्जदार बनाया जाता था और फिर कर्ज न चुकाने पर उनकी बेटियों की नीलामी कराई जाती थी. आरोप यह भी है कि जातीय पंच भी इसमें शामिल थे, क्योंकि ऐसे मामलों में पंचों को हर डील में कमीशन मिलता था. पंचायत से जुड़े एजेंटों ने गांव में आलीशान कोठियां बनवा रखी हैं.
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सीएम बोले, 2005 का है मामला...भाजपा और आप पर साधा निशाना
भीलवाड़ा में बच्चियों की खरीद फरोख्त की खबर को सीएम अशोक गहलोत ने भ्रामक बताया है. उन्होंने कहा है कि ये घटना 2005 की है जिसे पैकेज राजनीति के तहत फैलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उस दौरान प्रदेश में भाजपा राज था और कांग्रेस ने इस मैटर को 2019 में एक्सपोज किया था और 21 आरोपियों को 21 जेल भेजा गया था.
भाजपा और केजरीवाल की पैकेज राजनीति:गहलोत ने कहा कि केवल दो बच्चियां हैं वहां पर, बाकी सब बच्चियां अपने घरों को चली गईं. अब उन दोनों के इंटरव्यू लेकर मीडिया ने ये खबर चला दी और यह पूरे देश की खबर बन गई. गहलोत ने कहा कि ऐसी खबरें भाजपा और अरविंद केजरीवाल की पैकेज राजनीति का हिस्सा है. उन्होंने सवाल किया कि क्या ऐसी खबरें केजरीवाल के खिलाफ नहीं बनती हैं? क्या दिल्ली में एससी एसटी महिलाओं या दलितों पर कभी कोई क्राइम नहीं होता है? यह सब पैकेज की राजनीति है.
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संगीता बेनीवाल पहुंची भीलवाड़ा, बैठक के बाद बोलीं- मामला पुराना
भीलवाड़ा में बालिकाओं को स्टाम्प पर बेचने के मामले में संज्ञान लेते हुए राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल शनिवार को शहर (Sangeeta Beniwal in Bhilwara) पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने एसपी और कलेक्टर के साथ बैठक कर पूरी जानकारी ली. बेनीवाल ने कहा कि पूरे मामले की लिखित में तथ्यात्मक रिपोर्ट ली तो पता चला बालिकाओं को स्टाम्प पर बेचने का मामला पुराना है. वर्ष 2019 में इस प्रकार की घटना सामने आई थी. वर्तमान में ऐसा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि जो मामला वर्तमान में सुर्खियों में वह वर्ष 2019 का है और उस समय सरकार ने विशेष ऑपरेशन चलाकर बच्चियों का पुनर्वास किया था. 7 बालिकाओं को रेस्क्यू कर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 25 लोगों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया था. दो बच्चियां वर्तमान में नारी निकेतन में हैं. ऐसी घटना फिर न हो इसके लिए सरकार की ओर से सख्त निर्देश दिए गए हैं.
मेवाड़ क्षेत्र में प्रसिद्ध है नाता प्रथा:भीलवाड़ा जिले में अधिकतर समाज में वर्तमान में भी नाता प्रथा होती है जहां शादी के बाद महिला के ससुराल में परिवार वालों से मनमुटाव या अपने पति के देहांत के बाद महिला नाता विवाह करती है. इसमें महिला पहले पति को छोड़कर दूसरे पुरुष के साथ नाता प्रथा के रूप में शादी कर लेती है. उस समय महिला जिस दूसरे व्यक्ति के साथ नाता विवाह करती है उस पुरुष की ओर से पूर्व के पति या उनके परिवार वालों को पैसे देने पड़ते हैं. साथ ही महिला जिस पुरुष के साथ नाता विवाह करती है वहां पहले वाले पति या उनके पीहर पक्ष की ओर से नाता विवाह का शपथ पत्र लिखा जाता है और उसको समाज में प्रमुख रूप से माना जाता है.
डीजीपी लाठर बोले- महिला अपराध को लेकर पुलिस संवेदनशील
प्रदेश में लड़कियों की खरीद-फरोख्त का मामला उजागर होने के बाद डीजीपी एमएलए लाठर ने शनिवार रात पुलिस मुख्यालय से प्रेस नोट जारी किया है जिसमें कहा गया है कि प्रदेश में लड़कियों की खरीद-फरोख्त और महिलाओं के विरुद्ध घटित अपराधों पर राजस्थान पुलिस अत्यंत संवेदनशीलता से निगरानी रख रही है. डीजीपी लाठर ने कहा कि महिलाओं एवं नाबालिगों की खरीद-फरोख्त एवं अनैतिक कार्य कराए जाने के संबंध में संवेदनशील स्थानों पर पुलिस निगरानी रख सूचना एकत्रित कर रही है. पूर्व में कुछ समाज विशेष में घर की महिलाओं से वेश्यावृत्ति कराए जाने जैसी सामाजिक कुरीति व्याप्त थी. वर्तमान में राजस्थान पुलिस की ओर से ऐसी अनैतिक गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखकर इन घटनाओं पर नियंत्रण किया जा चुका है.
लाठर ने बताया कि प्रकाशित समाचार में 2 पीड़ित लड़कियों के बारे में बताया गया है. दोनों ही पीड़िताएं वर्तमान में अजमेर के नारी निकेतन में रह रही हैं. दोनों पीड़ित लड़कियों के साथ घटित घटना के संबंध में साल 2019 में जिले के हनुमान नगर थाना में आईपीसी की विभिन्न धाराओं, पॉक्सो एक्ट, जेजे एक्ट एवं आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर 25 मुलजिमों के विरुद्ध जुर्म प्रमाणित कर कोर्ट में चार्जशीट पेश की जा चुकी है.