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डेटा संरक्षण विधेयक संसद से क्यों वापस हुआ, सरकार कर चुकी है स्पष्ट: राजीव चंद्रशेखर

डेटा संरक्षण विधेयक संसद से वापस लिये जाने को लेकर बुधवार को केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि बिल जटिल था, संशोधन की जरूरत थी. वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आश्वासन दिया है कि डेटा गोपनीयता पर नया बिल जल्द ही तैयार होगा.

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Published : Sep 7, 2022, 4:25 PM IST

डेटा संरक्षण विधेयक
डेटा संरक्षण विधेयक

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Union Minister Rajiv Chandrashekhar) ने कहा कि डेटा संरक्षण विधेयक (Data Protection Bill) संसद से क्यों वापस हुआ ये सरकार स्पष्ट कर चुकी है. बिल जटिल था, संशोधन की आवश्यकता थी. स्टार्टअप और छोटी कंपनियों के लिए मुश्किलें पैदा करना सरकार की मंशा नहीं है. हम नहीं चाहते कि कोई कानून या कोई नीति हमारे विकास के बीच आए. वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आश्वासन दिया है कि डेटा गोपनीयता पर नया बिल जल्द ही तैयार होगा और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव इस पर लगन से काम कर रहे हैं.

यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल द्वारा आयोजित इंडिया आइडियाज समिट में उन्होंने कहा कि हमारे पास जल्द ही एक नया डेटा प्राइवेसी बिल होगा, जो परामर्श का एक उत्पाद होगा और गोपनीयता विधेयक पर हममें से अधिकांश की ऐसी हर चिंता का समाधान करेगा. बता दें कि पिछले महीने केंद्र सरकार ने पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2019 को पेश किए जाने के कई महीने बाद लोकसभा से वापस ले लिया था.

अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि विधेयक को वापस ले लिया गया, क्योंकि संयुक्त संसदीय समिति ने 99 धाराओं के विधेयक में 81 संशोधनों की सिफारिश की थी. उन्होंने तब ट्वीट किया था, "इससे ऊपर इसने 12 प्रमुख सिफारिशें की थीं. इसलिए, बिल को वापस ले लिया गया है और एक नया बिल सार्वजनिक परामर्श के लिए पेश किया जाएगा."

बिल में व्यक्तिगत डेटा, संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा और महत्वपूर्ण व्यक्तिगत डेटा की तीन श्रेणियां बनाने का प्रस्ताव किया गया था, जिनमें से प्रत्येक में अलग-अलग नियम और अनुपालन होंगे. बिल प्रस्तावित फर्मों को अपने डेटा संग्रह प्रथाओं के बारे में उपयोगकर्ताओं को बताना होगा, जबकि डेटा को संग्रहीत करने और हटाने के लिए उपभोक्ताओं की सहमति प्राप्त की जानी थी. हालांकि, बिल ने सरकारी एजेंसियों को इसके प्रावधानों से छूट दी; फिर भी, वे डेटा न्यासियों से गैर-व्यक्तिगत अज्ञात डेटा प्राप्त कर सकते हैं.

विधेयक का उद्देश्य व्यक्तियों को उनके व्यक्तिगत डेटा से संबंधित डिजिटल गोपनीयता की सुरक्षा प्रदान करना, डेटा के प्रवाह और उपयोग को निर्दिष्ट करना और डेटा को संसाधित करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं के बीच विश्वास का संबंध बनाना है. व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2018, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बीएन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय विशेषज्ञ समूह द्वारा तैयार किया गया था.

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