बेमेतरा:बिरनपुर हिंसा में मारे गए युवक भुनेश्वर साहू का गांव में दशगात्र संपन्न हुआ. इस दौरान पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया.गांव में सुरक्षा के लिहाज से 1200 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था.दुर्ग रेंज के आईजी आनंद छाबड़ा और कलेक्टर पदुम सिंह एल्मा खुद मौके पर मुस्तैद दिखाई दिए.
हिंसा के बाद बिगड़ा था माहौल : बिरनपुर हिंसा में 8 अप्रैल को गांव के 22 वर्षीय युवक भुनेश्वर साहू की मौत हो गई थी. यहां दो बच्चों के बीच साइकिल से गिरने को लेकर विवाद हुआ था. इस झगड़े में एक शख्स ने एक बच्चे के साथ मारपीट कर दी. जिससे दो पक्षों में विवाद शुरू हो गया. इसी झड़प में भुनेश्वर साहू की मौत हो गई. इस घटना के विरोध में विश्व हिंदू परिषद समेत हिंदूवादी संगठनों ने 10 अपैल को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया था.
विश्व हिंदू परिषद के बंद का बड़ा असर देखने को मिला था. 10 अप्रैल को इस बंद के दौरान बिरनपुर गांव के एक घर में आगजनी हुई. जिसमें सिलेंडर ब्लास्ट हो गया था. इस घटना में पुलिस अधिकारी और अन्य लोग बाल बाल बच गए थे. 11 अप्रैल को बिरनपुर गांव के एक खेत से दो लोगों की लाश मिली थी. इस तरह से बेमेतरा में लगातार बवाल देखने को मिला. बेमेतरा हिंसा केस में पुलिस ने पांच लोगों को 14 अप्रैल को गिरफ्तार किया. ये सभी लोग 10 अप्रैल को हुए बवाल में शामिल बताए जा रहे हैं.