लुधियाना :पुलिस ने लुधियाना के गियासपुरा इलाके में डीएस केमिकल नाम की एक फैक्ट्री में छापामारी की. फैक्ट्री से भारी मात्रा में खतरनाक केमिकल बरामद किया गया. जिसके संबंध में स्वास्थ्य विभाग को लिखा गया है. इसके साथ ही स्थानीय पुलिस को भी इस फैक्ट्री की सूचना दी गई है. पुलिस फैक्ट्री मालिकों के दस्तावेजों की जांच कर रही है. हालांकि, फैक्ट्री के मालिक ने दावा किया है कि बरामद कैमिकल के इस्तेमाल और स्टोरेज के लिए उसके पास आवश्यक अनुमति है.
लुधियाना के गियासपुरा इलाके से भारी मात्रा में खतरनाक रसायन बरामद, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस कर रही जांच
लुधियाना के गियासपुरा इलाके में डीएस केमिकल नाम की एक फैक्ट्री से छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में कैमिकल बरामद किये गये. जिसकी जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को भी लिखा गया है.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से उसे सर्टिफिकेट भी दिया गया है. जिसकी मियाद अभी बाकी है. इस फैक्ट्री से कई सालों से केमिकल का निर्यात किया जा रहा है. फैक्ट्री के मालिक नरेश कुमार ने दावा किया है कि ट्राइडॉन नाम की कंपनी से इस एसिडिक केमिकल को खरीदकर वे इसकी और जगह सप्लाई करते हैं. उन्होंने कहा कि वह इसे बेचते नहीं हैं बल्कि इसका इस्तेमाल नहीं करते बल्कि इसे आगे बेच देते हैं.
फैक्ट्री के मालिक ने बताया कि 10 साल पहले जब उन्होंने फैक्ट्री लगाई थी तो उनके इलाके में कोई आवास नहीं था. उनका कारखाना काफी पुराना है जबकि आवास नए बने हैं.
उन्होंने कहा कि उन्होंने पुलिस को सारे दस्तावेज दे दिए हैं, प्रशासन उन्हें जो भी आदेश देगा, वे मानेंगे, अगर उन्हें कारखाने को स्थानांतरित करने के लिए कहा जाएगा, तो वे स्थानांतरित भी कर देंगे.
फैक्ट्री से लिए कई सैंपल : पुलिस ने फैक्ट्री से भी कई सैंपल लिए हैं और दस्तावेज भी खंगाले हैं. पुलिस सूत्रों ने बताया कि गियासपुरा इलाके के ही स्थानीय विधायक संदीप वढेरा की शिकायत पर छापेमारी की गई. उन्होंने कहा कि फिलहाल हम पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग से भी संपर्क किया जा रहा है. ताकि उनके दस्तावेजों की जांच कराई जा सके.
गैस लीकेज से 11 लोगों की मौत : इतना तय है कि लुधियाना के इस इलाके में गैस लीक होने से 11 लोगों की मौत हो गई. इस मामले में जहां विभिन्न समितियां जांच कर रही हैं, वहीं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का भी गठन किया गया है. कमेटी भी मामले की जांच कर रही है. ऐसे इलाके में केमिकल फैक्ट्रियों की मौजूदगी भी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़ा कर रही है.