प्रकाशम : पूरा देश स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी में लगा था, तब आंध्र प्रदेश में इंसानियत को शर्मशार करने वाली घटना को अंजाम दिया गया. सोमवार की आधी रात को देश उत्सव की तैयारी में जुटा था, लेकिन प्रकाशम जिले के दर्शी मंडल के एक गांव में अहंकार का तांडव चल रहा था और इंसानियत जल रही थी. रात करीब 12.30 बजे कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा एक दलित विधवा की मारपीट की घटना घटी. औरत के कपड़े फाड़ दिये गए, उसके हाथ-पैर बांधकर आंखों में मिर्च फेंका गया. इतना ही नहीं उसे जिंदा जलाने की कोशिश भी की गई, लेकिन ऐन वक्त पर पुलिस पहुंच गई और विधवा की जान बच गई. बताया जाता है कि दलित समुदाय की पीड़ित विधवा पर जूल्म इसलिये ढहाए गए, क्योंकि उसके भाई ने दूसरे जाति के परिवार की बेटी को भगाकर शादी कर ली.
पुलिस के मुताबिक, पीड़िता के भाई को बोटलापलेम गांव में रहने वाली एक अन्य जाति की युवती से प्यार हुआ और दोनों मार्च में भागकर शादी कर ली. युवती के माता-पिता को इस शादी से आपत्ति थी, जिसके कारण परिवार ने लड़के के परिवार पर अत्याचार करना शुरू कर दिया. इस अत्याचार के चलते लड़के के परिवार से मारपीट की गई और खासकर उनकी मां और बहन को अपमान किया जाता था. यहां तक कि लड़की के माता-पिता ने बेटी को वापस नहीं भेजने पर जान से मारने की धमकियां भी दीं. पीड़ितों की शिकायत के अनुसार, दर्शी पुलिस ने कार्रवाई की थी और अपराधियों के खिलाफ एससी और एसटी संरक्षण कानूनों के तहत मामला दर्ज किया था. इसके बाद आरोपियों को पकड़ लिया गया था, लेकिन जमानत पर वे छुट भी गए और बाहर निकलने के बाद सोमवार की रात को उन्होंने फिर से परिवार पर हमला किया.