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प्रो. रविकांत ने कहा- यूपी चुनाव में भतीजे आकाश को दूर रखेंगी मायावती - मायावती रखेगी अपने भतीजे आकाश को दूर

बसपा प्रमुख मायावती यूपी की सियासी डोर अभी अपने पास ही रखेंगी. साथ ही पार्टी के नेशनल कॉर्डिनेटर व भतीजे आकाश को फिलहाल चुनावी माहौल से दूर रखेंगी. तीन फरवरी को गाजियाबाद की रैली में मंच पर दिखे आकाश उस रैली के बाद किसी अन्य मंच पर नहीं दिखे. हालांकि पंजाब में मतदान के बाद आकाश के यूपी में दौरा करने की उम्मीद थी. मगर अब आकाश की जनसभा में दिखने के आसार नहीं हैं.

Mayawati will keep Nephew Akash away in UP elections
यूपी चुनाव में भतीजे आकाश को दूर रखेंगी मायावती

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Published : Feb 25, 2022, 5:21 PM IST

Updated : Feb 25, 2022, 7:57 PM IST

लखनऊ:बसपा प्रमुख मायावती यूपी की सियासी डोर अभी अपने पास ही रखेंगी. साथ ही पार्टी के नेशनल कॉर्डिनेटर व भतीजे आकाश को फिलहाल चुनावी माहौल से दूर रखेंगी. तीन फरवरी को गाजियाबाद की रैली में मंच पर दिखे आकाश उस रैली के बाद किसी अन्य मंच पर नहीं दिखे. हालांकि पंजाब में मतदान के बाद आकाश के यूपी में दौरा करने की उम्मीद थी. मगर अब आकाश की जनसभा में दिखने के आसार नहीं हैं. बसपा प्रमुख मायावती ने भतीजे आकाश को नेशनल कॉर्डिनेटर बनाया है. वह पंजाब के विधानसभा चुनाव में जुटे थे. तीन फरवरी को गाजियाबाद की जनसभा में भी वो मायावती के साथ मंच पर नजर आए थे. ऐसे में पार्टी के पदाधिकारियों को उम्मीद जगी कि वो यूपी चुनाव में भी सक्रिय होंगे. साथ ही बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के बेटे कपिल मिश्रा और बसपा चीफ मायावती के भतीजे आकाश आनंद मिलकर युवाओं को पार्टी के प्रति आकर्षित करेंगे.

प्रो.रविकांत, दलित चिंतक

वहीं, पार्टी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यूपी की सियासत से अभी आकाश दूर रहेंगे. इसके पीछे बसपा प्रमुख का ही दिमाग है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता फैजान खान ने कहा कि अभी आकाश की कोई जनसभा तय नहीं हुई है. यदि कोई अपडेट होगी तो मीडिया से जानकारी साझा की जाएगी. लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व दलित चिंतक रविकांत के मुताबिक आकाश को यूपी में मायावती द्वारा चुनाव में न उतारना उनकी सोची-समझी रणनीति है. उन्होंने कहा कि बसपा एक पार्टी ही नहीं खुद को मिशन भी बताती है. वह एक मूवमेंट की तरह काम करने का दावा करती है. ऐसे में परिवारवाद के ठप्पे से भी बचना चाहती है. दूसरा दलित नेता के तौर पर चन्द्रशेखर का उभार होना भी बसपा को खटक रहा है. ऐसे में मायावती को आकाश के लिए यह सही समय नहीं लगा होगा.

जब आकाश को मिली थी बुआ मायावती की रैली

अप्रैल 2019 में आगरा में समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी-आरएलडी गठबंधन की संयुक्‍त रैली हुई थी. इसमें बसपा सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद को उनकी बुआ की कुर्सी दी गई थी. चुनाव आयोग के 48 घंटे के प्रतिबंध के कारण मायावती इस जनसभा में हिस्‍सा नहीं ले सकी थीं. आकाश आनंद को मायावती की कुर्सी देने से राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई थी कि क्‍या यह मायावती का अपना राजनीतिक उत्‍तराधिकारी चुनने का तरीका है.

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Last Updated : Feb 25, 2022, 7:57 PM IST

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