लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (BJP) 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए इस बार किसी दलित चेहरे को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है. इसे लेकर पार्टी के पुराने निष्ठावान नेताओं के नामों पर चर्चा चल रही है. गौरतलब है कि वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का कार्यकाल पूरा हो चुका है. जिसकी वजह से भाजपा नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर मंथन में लगी हुई है.
भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक प्रदेश में किसी दलित चेहरे को अध्यक्ष पद से नहीं नवाजा है. स्वतंत्र देव सिंह पिछड़ी जाति से आते हैं. इससे पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे केशव प्रसाद मौर्य भी पिछड़े वर्ग से आते हैं. जबकि केशव मौर्य से पहले ब्राह्मण नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे. इस तरह डेढ़ दशक में पार्टी को ब्राह्मण और पिछड़ी जाति के नेता मिल चुके हैं. ऐसे में दलित चेहरे को मौका देकर पार्टी खुद को दलितों का हिमायती बताकर लोकसभा चुनावों में बड़ा लाभ लेना चाहेगी.
विद्यासागर सोनकरःअध्यक्ष पद के लिए जिन प्रमुख नेताओं के नाम चर्चा में हैं, उनमें पूर्व सांसद व एमएलसी विद्यासागर सोनकर प्रमुख हैं. विद्यासागर सोनकर अनुसूचित जाति से आते हैं. इन्होंने आरएसएस और भाजपा से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. भाजपा संगठन में वह प्रदेश महामंत्री, प्रदेश उपाध्यक्ष जैसे पदों पर रह चुके हैं. इससे पहले भाजपा ने उन्हें दलितों को जोड़ने की जिम्मेदारी भी दी थी और अनुसूचित जाति मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था. योगी सरकार में उन्हें मंत्री बनाने की चर्चा भी खूब होती रही, हालांकि उन्हें मंत्रिपद से नवाजा नहीं गया. दलित चेहरे को अध्यक्ष बनाकर भाजपा मायावती के वोट बैंक में लगी सेंध को बरकरार रख सकती है.