नई दिल्ली : दलाल स्ट्रीट में निवेशकों को गुरुवार सुबह लगभग ₹ पांच लाख करोड़ का नुकसान हुआ है. क्योंकि वेश्विक मुद्रास्फीति की चिंता से मार्केट लहुलुहान हुआ. आंकड़ों से पता चलता है कि बीएसई का मार्केट कैपिटल एक दिन पहले यानी बुधवार को 255.7 लाख करोड़ रुपये था जो कि गुरूवार को ₹ 4.73 लाख करोड़ रुपये गिरकर 251 लाख करोड़ रुपये हो गया. यह सब कमजोर कॉर्पोरेट आय पर अमेरिकी सूचकांकों में बुधवार रात 3-4 प्रतिशत की गिरावट के कारण हुआ.
बाजार के विश्लेषक के अनुसार, चीनी इंटरनेट दिग्गज Tencent के कमजोर इनकम के कारण एशिया में मूड और मार्केट लहुलुहान का शिकार हुआ. मार्केटमैन आगामी डाउनग्रेड इनकम साइकल से डर रहे हैं, जिसे बाजार ने अब तक नजरअंदाज किया था. मल्टीपल कंप्रेशन का टॉक्सिक ट्राइफेक्टा (पी/ई एडजस्टेड लोअर या मल्टीपल डी-रेटिंग का पी), कॉस्ट-लेड मार्जिन कम्प्रेशन और सेल्स ग्रोथ में आसन्न मंदी, जहां पिछले दो कारकों का घातक संयोजन, अनुमानित कमाई की आशंका हो रही है. या पी/ई (प्राइस/अर्निंग) का 'ई' (अर्निंग) घट रहा है. आज के बाजार में गिरावट के कई कारक हैं-
रिटेलर का वॉल स्ट्रीट पर कब्जा:यूएस रिटेलर टारगेट के कमजोर नतीजों ने वैश्विक स्तर पर कॉरपोरेट आय में मुद्रास्फीति के खात्मे पर चिंता जताई है. अमेरिकी रिटेलर टारगेट के खराब नतीजों और कमेंट्री के बाद एक दिन में 25 फीसदी की गिरावट और बड़े प्रतिद्वंद्वी वॉलमार्ट में लगातार गिरावट एक स्पष्ट मैसेज था मुद्रास्फीति की उपेक्षा करना अब कोई विकल्प नहीं है और वैश्विक स्तर पर इनकम में भारी गिरावट की संभावना प्रबल है.
यूएस फेड ने अतीत में कहा था कि वह अमेरिकी ब्याज दरों में वृद्धि करेगा जब तक कि "स्पष्ट और ठोस" संकेत नहीं मिल जाते है कि मुद्रास्फीति नियंत्रित हो रही है. लेकिन बढ़ती ब्याज दर का अमेरिका की मांग पर भी बुरा असर पड़ सकता है और इससे दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ सकती है. डॉव (Dow) 3.6 फीसदी गिरा जबकि नैस्डैक (Nasdaq) रातोंरात 4.7 फीसदी गिर गया. S&P 500 4.04 फीसदी लुढ़का. तीन सूचकांक कम से कम छह साप्ताहिक नुकसान की एक स्ट्रिंग का विस्तार करने की गति पर थे.