धर्मशाला:सोशल मीडिया पर तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के वायरल वीडियो पर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. हालांकि दलाई लामा ने इसके लिए माफी भी मांग ली है. लेकिन, फिर भी सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है. अब इस विवाद पर तिब्बती सांसद ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. तिब्बती संसद के मेंबर दावा तेसरिंग ने तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की वायरल वीडियो पर लग रहे आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने आशंका जताई की इस पूरे प्रकरण के पीछे चीनी सरकार का हाथ है. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कई बार चीन तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को बदनाम करने का प्रयास कर चुका है.
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसके पीछे कोई भी व्यक्ति हो, लेकिन उसका संबंध चीन से जरूर होगा. उन्होंने कहा कि तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया. वह सभी को एक समान समझते हैं और सबसे बड़े सम्मान और प्यार के साथ मिलते हैं. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार दलाई लामा उस बच्चे से भी मिले और उसे आशीर्वाद देकर अपने गले लगाया. लेकिन सोशल मीडिया पर दलाई लामा की एक गलत छवि को दिखाया जा रहा है, जो गलत है.
उन्होंने कहा कि तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा तिब्बतियों के भगवान हैं. इसी के साथ पूरी दुनिया मे दलाई लामा शांति का संदेश देने वाले के रूप में भी जाने जाते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 70 सालों से चीन दलाई लामा को पूरी दुनिया में बदनाम करने का प्रयास कर रहा है. तिब्बती सांसद ने बताया कि एक बार दलाई लामा ने साउथ अफ्रीका के रहने वाले अपने पुराने मित्र के साथ भी इसी तरह मुलाकात की थी. उस समय उन्होंने अपने दोस्त के साथ भी सिर से सिर जोड़कर और अपनी नाक उनकी नाक के साथ लगाकर उन्हें अपना प्यार और आशीर्वाद दिया था. उन्होंने कहा कि दलाई लामा कभी इस बात को नहीं जताते हैं कि वे दलाई लामा हैं और एक उच्च गद्दी पर विराजमान हैं. वह सभी लोगों के साथ विनम्रता पूर्वक मिलते हैं और किसी के साथ भी भेदभाव नहीं करते हैं.