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कश्मीर में पर्यटन पर लॉकडाउन की मार, दैनिक कामकाजी परेशान

राजधानी श्रीनगर स्थित डल झील में तकरीबन 300 लोग रोजाना काम कर अपने परिवार का पेट पालते हैं. कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण उनका काम पूरी तरह से ठप हो गया है. हालांकि, प्रशासन ने उन्हें आर्थिक मदद का आश्वासन दिया है, लेकिन अभी तक किसी को भी कोई लाभ नहीं पहुंचा है.

डल झील
डल झील

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Published : Jun 6, 2021, 6:15 PM IST

श्रीनगर : कोरोना वायरस (Corona Virus) की वजह से पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से बार-बार लागू हो रहे लॉकडाउन (Lockdown) ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. इस कारण लाखों लोगों की नौकरी चली गई, तो कइयों के व्यवसाय ठप हो गए.

लॉकडाउन का असर देश की अर्थव्यवस्था (Economy) पर भी देखने को मिला है. ऐसे में, जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर स्थित डल झील (Dal Lake) में काम करने वाले लोगों का भी रोजगार लॉकडाउन की वजह से छीन गया है.

पर्यटकों के डल झील नहीं आने से ठप हुए यहां के लोगों के काम-धंधे

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बता दें, लॉकडाउन ने कश्मीर घाटी में पर्यटन को पूरी तरह से बाधित कर दिया है और इस कारण रोजाना काम करने वाले पिछले दो साल से घर बैठे हैं. हालांकि, इस समस्या पर प्रशासन ने डल झील में काम करने वाले और अन्य निम्न वर्ग के लोगों के लिए मामूली आर्थिक मदद का एलान किया है, लेकिन कुछ लोग अभी भी इससे वंचित हैं.

गौरतलब है कि, डल झील में करीब 300 लोगों को रोजगार मिलता है, जो यहां आने वाले पयर्टकों पर ही निर्भर करता है, लेकिन पांच अगस्त 2019 से घाटी में पर्यटकों का आना पूरी तरह से बंद है, जिससे इन लोगों का रोजगार पूरी तरह ठप हो गया है.

2020 में लॉकडाउन के दौरान, प्रशासन ने श्रमिकों और निम्न वर्ग के लोगों की आर्थिक मदद की थी. ऐसे में मौजूदा लॉकडाउन में बुरे होते हालातों को देखते हुए प्रशासन ने एक बार फिर इन लोगों को आर्थिक मदद देने का एलान किया है, लेकिन अभी तक किसी को कोई मदद नहीं मिली है.

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