नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच पर रोक लगाने संबंघी कर्नाटक हाई कोर्ट के निर्णय को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से कहा कि वह रोक हटाने के लिए सीबीआई द्वारा दायर आवेदन और उसके लंबित अपील पर दो सप्ताह के अंदर उस पर विचार करे.
उक्त आदेश जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने दिया. कोर्ट ने कहा कि आक्षेपित आदेश अंतरिम प्रकृति का है, हम इसमें हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं, खासकर तब जब याचिकाकर्ता - सीबीआई ने पहले ही रोक हटाने के लिए आवेदन दायर कर दिया है. इसके अलावा कहा गया कि हाई कोर्ट रोक हटाने के लिए सीबीआई द्वारा आवेदन और उसके समक्ष लंबित अपील पर यथासंभव शीघ्र और अधिमानत: दो हफ्ते के अंदर सुनवाई कर निपटारा कर सकता है.
इस प्रकार शीर्ष अदालत ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के 12 जून, 2023 के अंतरिम आदेश के खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका का निपटारा कर दिया. बता दें कि डीके शिवकुमार ने तत्कालीन बीएस येदियुरप्पा सरकार द्वारा 25 सितंबर, 2019 को जारी सहमति के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी. अप्रैल 2023 में उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी. अपील में शिवकुमार ने तर्क दिया था कि एचएएल कर्मचारी शशिकुमार शिवन्ना द्वारा दायर याचिका को खारिज करने वाले समन्वय पीठ के आदेश का उन पर कोई असर नहीं हो सकता है. वहीं सीबीआई ने दावा किया था कि शिवकुमार ने 1 अप्रैल, 2013 से 30 अप्रैल, 2018 तक आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक 74.93 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की, जब वह कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार में ऊर्जा मंत्री थे.
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