नई दिल्ली: उद्योगपति और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस पलोनजी मिस्त्री का अंतिम संस्कार मंगलवार को मुंबई में किया गया. मंगलवार को वर्ली श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार हुआ. उनका अंतिम संस्कार पूरे पारसी रीति-रिवाज के साथ किया गया. इस दौरान उद्योगपति अनिल अंबानी और HDFC के चेयरमैन दीपक पारेख वहां मौजूद रहे. एनसीपी नेता सुप्रिया सुले और मिलिंद देवड़ा भी उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे. इस दौरान एक प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया.
रविवार को मिस्त्री के ससुर और वरिष्ठ वकील इकबाल छागला और उनके बहनोई जस्टिस रियाज छागला पुलिस और पालघर प्रशासन के संपर्क में थे. बताया जा रहा है कि मिस्त्री उदवारा में पारसी मंदिर का खर्च उठाने के लिए मुंबई आ रहे थे. मंदिर के अनुसार मिस्त्री की आकस्मिक मौत ने पूरे पारसी समुदाय को झकझोर कर रख दिया. अपने पिता पल्लोनजी के बाद, साइरस ने हमारे इरानशाह अग्नि मंदिर का जीर्णोद्धार किया. अब साइरस की मृत्यु के बाद, उनके परिवार में उनकी मां पात्सी पेरिन दुबास, शापूर मिस्त्री के साथ 2 बहनें लैला मिस्त्री और अलु मिस्त्री हैं.
अंतिम संस्कार पूरे पारसी रीति-रिवाज के साथ किया गया.
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महाराष्ट्र के पालघर में एक सड़क दुर्घटना में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की मौत ने सड़क सुरक्षा के मुद्दों जैसे कि तेज रफ्तार पर नजर रखने, पीछे बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना और सड़क की असंगत बनावट पर बहस तेज कर दी है. विशेषज्ञों ने तेज रफ्तार वाहनों पर नज़र रखने और पीछे बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य करने की जरूरत पर जोर दिया है. केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई), नयी दिल्ली के मुख्य वैज्ञानिक एस वेलमुरुगन ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कुछ हिस्सों में सड़क के डिजाइन में असंगति देखी जा सकती है जिसमें पूर्वी और पश्चिमी एक्सप्रेसवे, बाहरी रिंग रोड और रिंग रोड शामिल हैं.
उदाहरण के लिए, कुछ बिंदुओं पर छह-लेन की सड़क चार-लेन में सिमट जाती है. विभिन्न स्थानों पर असमान सतहों को भी देखा जा सकता है. ये मुद्दे वाहन चलाने के दौरान खतरा पैदा करते हैं और इन्हें दूर किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि रविवार की दुर्घटना से तीन प्रमुख निष्कर्ष निकलते हैं कि सड़कों, विशेष रूप से राजमार्गों को सुसंगत तरीके से बनाया जाना चाहिए, सड़क पर पर्याप्त संकेत चिह्न होने चाहिए और पीछे बैठे व्यक्ति के लिए सीट बेल्ट पहनने के कानून को लागू किया जाना चाहिए.
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वेलमुरुगन ने पीछे बैठे व्यक्ति को सीट बेल्ट पहनने और शहर की सड़कों पर तेज रफ्तार से वाहन चलाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनों को सख्ती से लागू करने का भी आह्वान किया. अंतराष्ट्रीय सड़क महासंघ के अनुसार, दुनिया भर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में 11 प्रतिशत से अधिक हादसे भारत में होते हैं, जिनमें हर दिन 426 लोगों की जान जाती है और हर घंटे 18 लोग मारे जाते हैं. महासंघ के अनुसार, 2021 में 1.6 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई और अधिकतर सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को टाला जा सकता है.