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साइरस दुर्घटना : सड़क सुरक्षा ऑडिट में खराब रखरखाव, पर्याप्त संकेतक नहीं होने पर जताई गई चिंता

इंटरनेशनल रोड फेडरेशन की भारत की टीम ने एक ऑडिट किया है, जिसके मुताबिक जिस जगह पर टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की कार टकराई (Cyrus Mistry accident) वह मोड़ गैर-मानक तरीकों से बनाया गया है. जानिए ऑडिट में और क्या आया सामने.

Cyrus Mistry accident
साइरस दुर्घटना

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Published : Sep 27, 2022, 7:34 PM IST

नई दिल्ली : टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) की कार दुर्घटना में मौत जिस राजमार्ग पर हुई थी, उसके सुरक्षा ऑडिट में खराब रखरखाव, चालकों की मदद के लिए अपर्याप्त संकेतकों और संबंधित खंड पर दो दर्जन से अधिक स्थानों पर खुले मार्ग को लेकर चिंता जताई गई है.

इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) के भारत चैप्टर की एक टीम द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर महाराष्ट्र में मंडोर और गुजरात में अछाड़ के बीच 70 किलोमीटर के खंड का सड़क सुरक्षा ऑडिट किया गया था. मिस्त्री और एक अन्य सह-यात्री की गत चार सितंबर को इस खंड पर कार दुर्घटना में मौत हो गई थी.

फेडरेशन के मानद अध्यक्ष के. के. कपिला ने कहा कि ऑडिट में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कम लागत वाले तात्कालिक उपायों की सिफारिश की गई है. कपिला ने कहा कि इन तात्कालिक उपायों के तहत घुमावदार मार्गों और पुलों से पहले अधिकतम गति सीमा बताने वाले संकेतकों, ओवरटेकिंग के खिलाफ चेतावनी, त्वरित रखरखाव, बीच-बीच में खुली जगहों को बंद करने तथा चालकों को गाइड करने के लिए उचित संकेतकों को अंकित करने की सिफारिश की गई है. पालघर में घातक दुर्घटना के एक हफ्ते बाद ही ऑडिट किया गया था.

आईआरएफ ने एक बयान में कहा कि ऑडिट भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की सहमति के बाद किया गया था और कार्रवाई के लिए रिपोर्ट सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और एनएचएआई को सौंप दी गई है. आईआरएफ-इंडिया चैप्टर के अध्यक्ष सतीश पारख ने कहा कि ऑडिट में पाया गया है कि महाराष्ट्र के मंडोर और गुजरात के अछाड के बीच एनएच-48 के 70 किलोमीटर के हिस्से में फ्लाईओवर, वाहनों के अंडरपास, पैदल यात्री अंडरपास, पुल और पुलिया सहित कई छोटे-बड़े ढांचे हैं.

गैर-मानक तरीकों से बनाया गया मोड़ :बयान में पारख के हवाले से कहा गया है, 'यह पाया गया कि जिस स्थान पर यह घातक दुर्घटना हुई, वहां तीसरी लेन के लिए एक साधारण मोड़ है, जिसे उचित संकेतकों के बिना अवैज्ञानिक और गैर-मानक तरीकों से बनाया गया है.'

रिपोर्ट में कहा गया है कि मानक डिजाइन के अनुसार, किसी भी छह लेन वाले राजमार्ग पर कोई मध्य मार्ग नहीं होना चाहिए. बयान के मुताबिक, रिपोर्ट में बीच से खुले मार्गों को जल्द से जल्द बंद करने की सिफारिश की गई है.

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में पूरे भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 1.55 लाख से अधिक लोगों की जान गई अर्थात प्रतिदिन औसतन 426 अथवा हर घंटे 18 लोग दुर्घटना के शिकार हुए हैं, जो अब तक किसी भी कैलेंडर वर्ष में दर्ज मौत का सर्वाधिक आंकड़ा है.

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(पीटीआई-भाषा)

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