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तमिलनाडु तट पार करने के बाद कमजोर हुआ चक्रवात 'मैंडूस'

'मैंडूस' अरबी भाषा का एक शब्द है और इसका अर्थ है खजाने की पेटी (बॉक्स) और यह नाम संयुक्त अरब अमीरात द्वारा चुना गया था. इससे पूर्व बालाचंद्रन ने संवाददाताओं से कहा था कि चेन्नई और पुडुचेरी के बीच, 1891 से 2021 तक पिछले 130 वर्षों में 12 चक्रवात आ चुके हैं.

Etv Bharat Cyclone Mandus in Tamil Nadu
Etv Bharat चक्रवाती तूफान ‘मैंडूस’ ने तमिलनाडु में तट को पार करना शुरू किया

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Published : Dec 10, 2022, 7:00 AM IST

Updated : Dec 10, 2022, 6:36 PM IST

चेन्नई: चेन्नई के पास स्थित मामल्लापुरम तट पार करने वाला चक्रवाती तूफान 'मैंडूस' गहरे दबाव के क्षेत्र में तब्दील होकर कमजोर हो गया है लेकिन इसका शहर और उसके आसपास के इलाकों में काफी असर पड़ा जिससे कई पेड़ उखड़ गए. यहां वृहद चेन्नई निगम समेत निकाय एजेंसी गिरे हुए पेड़ों को हटाने में लगी रहीं. शहर में तथा आसपास के इलाकों में बिजली अभी गुल है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि 9 और 10 दिसंबर की दरम्यानी रात को जब चक्रवात ने तट को पार किया तो 70 किमी प्रति घंटे की हवा की गति के प्रभाव में शहर में लगभग 400 पेड़ उखड़ गए. उन्होंने कहा कि इस दौरान चार लोगों की मौत हो गई है. गिरे हुए पेड़ों को हटाने में ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन सहित नागरिक एजेंसियां कार्य कर रही हैं.

भारत मौसम विज्ञान विभाग चेन्नई ने ट्वीट किया, 'चक्रवाती तूफान मैंडूस (जिसका मतलब खजाने की पेटी है) उत्तरी तमिलनाडु तट पर गहरे दबाव के क्षेत्र में तब्दील होकर कमजोर हो गया. यह 10 दिसंबर को दोपहर तक पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ेगा तथा धीरे-धीरे कमजोर होकर दबाव के क्षेत्र में बदल जाएगा.' तमिलनाडु के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री केकेएसएसआर रामचंद्रन ने कहा कि उम्मीद के मुताबिक कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि 9,000 से अधिक लोगों को 205 राहत केंद्रों में रखा गया है.

मैंडूस का असर

चेन्नई पुलिस ने बताया कि शहर के विभिन्न हिस्सों में करीब 100 पेड़ उखड़ गए तथा पांच स्थानों पर बिजली के खंभे गिर गए. पुलिस ने बताया कि कामराजार सलाई में वाहनों की आवाजाही बहाल कर दी गई है.

दक्षिणी आंध्र प्रदेश में भारी बारिश

तमिलनाडु के मामल्लपुरम तट पर चक्रवाती तूफान 'मैंडूस' के दस्तक देने के बाद आंध्र प्रदेश के दक्षिण तटीय और रायलसीमा जिलों के कई हिस्सों में शनिवार सुबह भारी बारिश हुई. आंध्र प्रदेश सरकार की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक बीते 24 घंटे में तिरुपति जिले के नैदुपेटा में सबसे अधिक 281.5 मिलीमीटर बारिश हुई. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा कि बारिश की तीव्रता अब कम हो गई है.

इधर, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने चक्रवात के कारण बारिश के मद्देनजर संबंधित अधिकारियों के साथ एक समीक्षा की बैठक की. उन्होंने एसपीएसआर नेल्लोर, तिरुपति, चित्तूर और अन्नामया के जिलाधिकारियों से सतर्क रहने तथा जहां भी आवश्यकता हो, वहां राहत शिविर खोलने के निर्देश दिए. रेड्डी ने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि लोग उन इलाकों में बाहर न निकलें जहां भारी बारिश की संभावना है.

मैंडूस के कारण भारी बारिश

एहतियात के तौर पर राज्य सरकार ने तिरुपति क्षेत्र में 190 लोगों को 28 राहत शिविरों में भेजा है. सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, छोटी नदियों-कांदलेरु, मानेरु और स्वर्णमुकी में अचानक बाढ़ आने की आशंका के कारण एसपीएसआर नेल्लोर और तिरुपति जिलों को सतर्क किया गया है. चार जिलों में राज्य आपदा मोचन बल के 150 कर्मियों और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के 95 कर्मियों को तैनात किया गया है.

'मैंडूस' अरबी भाषा का एक शब्द है और इसका अर्थ है खजाने की पेटी (बॉक्स) और यह नाम संयुक्त अरब अमीरात द्वारा चुना गया था. इससे पूर्व बालाचंद्रन ने संवाददाताओं से कहा था कि चेन्नई और पुडुचेरी के बीच, 1891 से 2021 तक पिछले 130 वर्षों में 12 चक्रवात आ चुके हैं. उन्होंने कहा था, यदि यह चक्रवात मामल्लपुरम के पास तट को पार करता है, तो यह तट को पार करने वाला 13वां चक्रवात होगा (चेन्नई और पुडुचेरी के बीच).

पढ़ें:तमिलनाडु में चक्रवाती तूफान 'मैंडूस' के कारण कई इलाकों में भारी बारिश, आंध्र में NDRF की 10 टीमें तैनात

पुलिस के मुताबिक, सुरक्षा, राहत और बचाव कार्यों के लिए तमिलनाडु राज्य आपदा मोचन बल की 40 सदस्यीय टीम के अलावा 16,000 पुलिसकर्मियों और 1,500 होमगार्ड को तैनात किया गया है. इसके अलावा जिला आपदा मोचन बल की 12 टीम को तैयार रखा गया है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल की टीम के लगभग 400 कर्मियों को पहले से ही कावेरी डेल्टा क्षेत्रों के पास सहित तटीय क्षेत्रों में तैनात किया गया है.

पीटीआई-भाषा

Last Updated : Dec 10, 2022, 6:36 PM IST

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