नई दिल्ली : बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात जवाद (Cyclone Jawad) के ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में असर की आशंका के मद्देनजर पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उच्चस्तरीय बैठक की. बैठक में ओडिशा और आंध्र प्रदेश में चक्रवात के कारण पैदा हुए हालात की समीक्षा की गई. बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, एनडीआरएफ डीजी, कैबिनेट सचिव राजीव कुमार गौबा समेत मौसम विभाग के कई अधिकारी भी शामिल हुए.
इससे पहले, बुधवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने बंगाल की खाड़ी में उठने वाले चक्रवात से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक की थी. उन्होंने विभिन्न केंद्रीय और राज्य एजेंसियों को 'किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान से बचने और संपत्ति, बुनियादी ढांचे और फसलों को कम से कम नुकसान पहुंचने देने' का निर्देश दिया था.
कैबिनेट सचिव ने इस बात पर भी जोर दिया है कि राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करने चाहिए कि मछुआरों और समुद्र में सभी नौकाओं को तुरंत वापस बुला लिया जाए और चक्रवाती तूफान से प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को जल्द से जल्द निकाला जाए.
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बन रहे एक कम दबाव वाले क्षेत्र के तीन दिसंबर तक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है. इस चक्रवात का नाम जवाद (Cyclone Jawad) दिया गया है. इसका असर आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल हो सकता है.
मौसम विभाग के मुताबिक, चार दिसंबर की सुबह तक आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों को पार करने की उम्मीद है, जिसमें हवा की गति 90 किलोमीटर प्रति घंटे से 100 किलोमीटर प्रति घंटे के साथ होगी, साथ ही भारी वर्षा होने की भी आशंका है.