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Cyclone Biparjoy: गुजरात के तट से टकराया बिपरजॉय, सौराष्ट्र के अलावा कई इलाकों में भारी बारिश, पेड़ गिरने से तीन लोग घायल - गुजरात के तट से टकराया बिपरजॉय

गुजरात के कच्छ में तूफान बिपरजॉय ने लैंडफॉल करना शुरू कर दिया है. इस वजह से कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है. वहीं कई जगहों पर पेड़ों और बिजली के खंभे भी गिर गए हैं. वहीं द्वारका में पेड़ उखड़ने की वजह से उसकी चपेट में आ जाने से तीन लोग घायल हो गए हैं.

Cyclone Biparjoy
तूफान बिपरजॉय

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Published : Jun 15, 2023, 8:28 PM IST

Updated : Jun 15, 2023, 10:53 PM IST

द्वारका में तेज बारिश के साथ पेड़ भी उखड़ गए
बिपरजॉय से पोरबंदर में बारिश के साथ लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ.

अहमदाबाद :गुजरात के कच्छ मेंतूफान बिपरजॉय ने लैंडफॉल करना शुरू कर दिया है. इस वजह से 115-125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं. इस समय सौराष्ट्र के सभी इलाकों के अलावा अन्य जगहों पर भारी बारिश हो रही है. मौसम विभाग के अनुसार मध्य रात्रि तक लैंडफॉल जारी रहेगा. बिपरजॉय की वजह से देवभूमि द्वारका जिले में पेड़ उखड़ गए और होर्डिंग्स गिर गए, इनकी चपेट में आकर तीन लोग घायल हुए हैं. कई इलाकों में एहतियात के तौर पर बिजली आपूर्ति बद कर दी गई है. मौसम विभाग के मुताबिक बिपरजॉय अभी जखौ से 50 किलोमीटर दूर है जबकि देवभूमि द्वारका से 110 किलोमीटर और नलिया से यह 70 किलोमीटर दूर है. बिपरजॉय के कारण जखाऊ-नलिया हाइवे बंद कर दिया गया है. वहीं रेलवे ने कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है. आईएमडी का कहना है कि पांच-छह घंटे में तूफान की गति धीमी हो जाएगी.

16 जून की शाम से मौसम हो जाएगा सामान्य :राज्य के मुख्यमंत्री पटेल ने राज्य आपदा नियंत्रण में अधिकारियों के साथ एक घंटे तक समीक्षा बैठक की और लैंडफॉल की प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी हासिल की. बैठक के बाद मौसम विभाग के निदेशक मनोरमा मोहंती ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अब तूफान बिपरजॉय का सिलसिला शुरू हो गया है और 16 जून की शाम तक मौसम सामान्य हो जाएगा. मौसम विभाग की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा कि तूफान का मुख्य केंद्र अब जाखौबंदरगाह से 50 किमी दूर है और लैंडफॉल की प्रक्रिया शुरू हो गई है. यह प्रक्रिया आधी रात तक पूरी हो जाएगी. जब तूफान जखौ बंदरगाह से टकराएगा तो हवा की गति 125 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी. हालांकि आधी रात तक तूफान का बनना पूरा हो जाएगा और फिर सुबह तक तूफान की तीव्रता धीरे-धीरे कम हो जाएगी.

द्वारका में जड़ से ही पेड़ उखड़ गया

कच्छ में भारी नुकसान : तूफान बिपरजॉय की वजह से भुज में करंट लगने से दो मवेशियों की और पेड़ गिरने से एक मवेशी की मौत हो गई. वहीं कच्छ में 7 मवेशियों की मौत हो गई. जबकि गांधीधाम में करंट लगने से दो मवेशियों की मौत हो गई. कच्छ के तटीय इलाके के पास 118 पेड़ गिर गए हैं. इसके अलावा कच्छ के भुज, नखतराना, अब्दासा इलाके समेत कुल 157 बिजली के खंभे गिर गए हैं. द्वारका में भी कई स्थानों पर पेड़ गिर गए हैं. पोरबंदर शहर और आसपास के गांवों में पेड़ों के गिरने की संख्या बढ़ गई है. इस कारण बिजली का खंभा भी टूट कर गिरने से अधिकांश इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित रही. जिससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ी.

बिपरजॉय को लेकर कंट्रोल रूम में तैनात अधिकारी विक्रम वरु ने बताया कि कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे काम कर रहा है. वहां अतिरिक्त कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति भी की गई है. कंट्रोल रूम में आज 25 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं, लेकिन वे पेड़ उखड़ने, बिजली कटौती और कच्चे घरों के छप्पर खराब होने की शिकायतें थीं. लेकिन अब तक कोई जान नहीं गई है.

बिपरजॉय की वजह से टीन शेड गिर गया

वहीं बिपरजॉय के कारण द्वारका में 29 मिलीमीटर, ओखा 20 मिलीमीटर, नलिया 33 मिलीमीटर, भुज 65 मिलीमीटर, पोरबंदर 28 मिलीमीटर और कंडला 30 मिलीमीटर अब तक बारिश हो चुकी है. मौसम विभाग के मुताबिक लैंडफॉल के समय हवा की गति 115 से 125 प्रति किलोमीटर से लेकर 140 किलोमीटर प्रति रहने की संभावना है.

कई घरों और दुकानों के छप्पर उड़े :जखाऊ में बिपरजोय तूफान के लैंडफॉल के बाद बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बाधित हो गई है. ओखा में चक्रवाती तूफान की तबाही शुरू हो गई है, यहां भी बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई है. कई इलाकों में पेड़ गिर गए हैं और कच्चे मकान भी गिर गए हैं. तेज हवा के कारण कई घरों और दुकानों के छप्पर भी उड़ गए हैं. तूफान के कारण अमरेली जिले में तेज हवाएं चल रही हैं. मोरांगी गांव के 100 घर चक्रवात की चपेट में आ गए हैं.

तेज हवा चलने से कई स्थानों पर पेड़ गिर गए

'वॉल क्लाउड' सौराष्ट्र तट पर हुआ सक्रिय :आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, 'घने संवहनी बादलों के कच्छ और देवभूमि द्वारका जिलों में प्रवेश के बाद चक्रवात के टकराने की प्रक्रिया शुरू हुई. यह मध्य रात्रि तक पूरी होगी. इससे पहले, च्रकवात बिपारजॉय का 'वॉल क्लाउड' क्षेत्र गुरुवार शाम को गुजरात के सौराष्ट्र तट पर सक्रिय हो गया था. 'वॉल क्लाउड' ऐसे बादल हैं जो सामान्य बादलों की अपेक्षा पृथ्वी के अधिक नजदीक आ जाते हैं, जो संभावित चक्रवात के शुरुआती चरण का संकेत देते हैं. दिन में आईएमडी ने कहा कि चक्रवात अत्यधिक भारी वर्षा लाएगा और 'खगोलीय ज्वार' पैदा होने के चलते 2-3 मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं, जिसके चलते चक्रवात के टकराने के दौरान कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर और मोरबी जिलों के निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका है. वहीं, अधिकारियों ने कहा कि राहत एवं बचाव कार्य को लेकर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ( NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) के अलावा सेना, वायुसेना, नौसेना और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने भी कमर कस ली है.

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Last Updated : Jun 15, 2023, 10:53 PM IST

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