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ओडिशा में अंतरराज्यीय सिम कार्ड बॉक्स रैकेट का भंडाफोड़, 6 गिरफ्तार

ओडिशा के मयूरभंज से एक अंतरराज्यीय पूर्व-सक्रिय सिम कार्ड रैकेट का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. इस मामले में पुलिस ने मास्टरमाइंड सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है. इन लोगों से देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों को ठगने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले दो सिम कार्ड बॉक्स (मशीन आधारित नंबर) जब्त किए गए हैं.

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Published : Sep 14, 2022, 8:58 PM IST

Updated : Sep 14, 2022, 10:43 PM IST

भुवनेश्वर : ओडिशा पुलिस (Odisha Police) की अपराध शाखा ने मयूरभंज जिले के खूंटा इलाके से एक अंतरराज्यीय पूर्व-सक्रिय सिम कार्ड रैकेट का भंडाफोड़ किया. इस मामले में पुलिस ने मास्टरमाइंड सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है. यह जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने बुधवार को दी. क्राइम ब्रांच के आईजी अमितेंद्र नाथ सिन्हा ने पत्रकारों को बताया कि आरोपियों की पहचान विशाल खंडेलवाल (मास्टरमाइंड), तापस कुमार पात्र, अजय कुमार पात्र, निगम पात्र, सुधांशु दास और अजू पात्र के रूप में हुई.

उन्होंने बताया कि सोमवार को संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर गिरफ्तारी की गई. शिकायत मिलने के तुरंत बाद, ओडिशा अपराध शाखा ने एक विशेष टीम का गठन किया, जिसने मयूरभंज जिले के एक इलाके में छापेमारी कर रैकेट का भंडाफोड़ किया. सिन्हा ने कहा कि पुलिस ने देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों को ठगने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले दो सिम कार्ड बॉक्स (मशीन आधारित नंबर) जब्त किए हैं. पुलिस ने सात लैपटॉप, लगभग 20 मोबाइल फोन, बैंक पासबुक, जियो राउटर, एयरटेल, जियो, वोडाफोन और बीएसएनएल दूरसंचार कंपनियों के 2,500 से अधिक सिम कार्ड भी जब्त किए हैं.

ओडिशा में अंतरराज्यीय सिम कार्ड बॉक्स रैकेट का भंडाफोड़

उन्होंने बताया कि जब्त किए गए सिम कार्ड में एयरटेल के 1,049, जियो के 1,231, वोडाफोन के 158, बीएसएनएल के 134 कार्ड शामिल हैं. आईजी ने आगे कहा कि अपराधी खूंटा वन क्षेत्र में अपना नेटवर्क चला रहे थे. लोगों को ठगने के लिए फर्जी केवाईसी निलंबन और सिम कार्ड ब्लॉक संदेश भेजकर लोगों को ठग रहे थे. उन्होंने कहा कि पुलिस पूछताछ के लिए उन्हें रिमांड पर लेगी. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि आरोपी सिम कार्ड कहां से ला रहे थे, जबकि आरोपियों का कहना है कि उन्होंने इसे चेन्नई से मंगवाया था. इस रैकेट में और लोग शामिल हैं या नहीं, इसकी जांच की जा रही है.

पुलिस अधिकारी ने कहा कि इन सिम बॉक्स से बड़ी संख्या में एमटीएनएल केवाईसी धोखाधड़ी वाले एसएमएस भेजे जा रहे थे. मोबाइल नंबर बिहार और ओडिशा में चल रहे हैं. टीम ने शुरू में तापस कुमार पात्र को पकड़ा और उसकी निशानदेही पर अन्य लोगों को धर दबोचा गया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस अपराध के मास्टरमाइंड विशाल खंडेलवाल उर्फ जोंटी ने सिम बॉक्स खरीदा था और सुधांशु दास, निगम पात्र द्वारा आपूर्ति किए जा रहे पूर्व-सक्रिय सिम का उपयोग कर संदेश भेजने के लिए तापस कुमार पात्र को लगाया गया था. वे हर दिन सैकड़ों फर्जी संदेश भेजते थे. उन्होंने कहा कि कुछ महीनों के बाद, तापस पात्र ने अन्य आरोपियों अजू पात्र और अजय कुमार पात्र को अपराध में शामिल कर लिया था.

सिम बॉक्स धोखाधड़ी क्या है?

सिम बॉक्स एक ऐसा उपकरण है जिसमें सैकड़ों से अधिक सिम कार्ड रखे जा सकते हैं और कंप्यूटर के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है. सिम बॉक्स धोखाधड़ी विश्व स्तर पर दूरसंचार संचालन के सामने सबसे अधिक मांग वाली चुनौतियों में से एक है. एक सिम बॉक्स, इंटरनेट के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय कॉल को सेलुलर डिवाइस पर भेजती है. यह डिवाइस, जिसे सिम बॉक्स कहा जाता है, सैकड़ों कम-लागत या यहां तक कि अवैतनिक सिम कार्ड का उपयोग करके कनेक्शन को नेटवर्क में वापस स्थानीय कॉल के रूप में रूट करता है, जो अक्सर जाली पहचान के साथ प्राप्त किए जाते हैं.

Last Updated : Sep 14, 2022, 10:43 PM IST

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