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Cyber Fraud Using AI: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से साइबर ठगी, शिमला में रिश्तेदार की आवाज में कॉल करके 2 लाख रुपये ठगे

साइबर ठग लोगों को निशाना बनाने के लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा ले रहे हैं. AI के जरिये ठगी का ये पैंतरा इतना शातिराना है कि लोग आसानी से साइबर क्रिमिनल का निशाना बन रहे हैं. ठगी के इस नए अंदाज के बारे में जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. पढ़ें क्या है पूरा मामला ?

Cyber Fraud Using AI
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Published : Jul 27, 2023, 8:15 PM IST

Updated : Jul 27, 2023, 8:35 PM IST

शिमला : साइबर ठग आपकी कमाई पर हाथ साफ करने के लिए नए-नए पैंतरे आजमाते हैं. इन दिनों दुनियाभर में AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बात हो रही है, लेकिन आप ये जानकर हैरान होंगे कि इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल का इस्तेमाल साइबर ठग भी कर रहे हैं. AI का इस्तेमाल करके साइबर क्रिमिनल लोगों को शातिराना अंदाज में ठग रहे हैं. ताजा मामला हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से सामने आया है. जहां एक शख्स से ठगों ने रिश्तेदार की आवाज में बात करके दो लाख रुपये ठग लिए.

मामला क्या है-मामला शिमला के पंथाघाटी वार्ड का है जहां रहने वाले संजय के मुताबिक उन्हें 24 जुलाई को एक फोन आया था. फोन करने वाले शख्स ने खुद को संजय का रिश्तेदार बताया था. संजय ने पुलिस को बताया कि 'जिस शख्स ने फोन किया उसकी आवाज मेरे चाचा से मिलती जुलती थी'. चाचा बनकर फोन करने वाले शख्स ने संजय को बताया कि उनका दोस्त बहुत बीमार है और जल्द से जल्द पैसों की जरूरत है. जिसके बाद संजय ने भी ठग के बताए फोन नंबर पर डिजिटल वॉलेट में 50 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए.

कुल 2 लाख रुपये ठगे- इसके बाद संजय ने 1,50,000 रुपये और नेट बैंकिंग के जरिये बताए हुए खाते में ट्रांसफर कर दिए. इस तरह कुल दो लाख रुपये संजय ने ट्रांसफर किए. इस बीच संजय ने अपने चाचा के घर फोन करके जानकारी ली तो पता चला कि ना तो संजय के चाचा ने पैसे मांगे और ना ही परिवार में कोई बीमार है. इसके बाद संजय को खुद के साथ हुई ठगी का अंदाजा हुआ लेकिन तब तक बहुत देर हो गई थी. खास बात ये हैं कि शातिर ठग अभी भी कॉल करके संजय से पैसों की मांग कर रहा है.

शिमला पुलिस ने दर्ज किया मामला

पुलिस ने दर्ज किया मामला- संजय ने गुरुवार को इस मामले की शिकायत छोटा शिमला पुलिस स्टेशन में दी है. जहां पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरु कर दी है. पुलिस ने कॉल और एकाउंट डिटेल की जानकारी भी ले ली है. पुलिस के मुताबिक एकाउंट और कॉल डिटेल महाराष्ट्र और बिहार की है लेकिन इस मामले की पूरी जांच साइबर सेल करेगा. लेकिन इस पूरे मामले में एसपी शिमला संजीव गांधी ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि साइबर ठगों ने इस मामले में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया और संजय के चाचा की आवाज निकालकर बहुत शातिराना अंदाज में इस ठगी को अंजाम दिया है.

ठगी में AI का इस्तेमाल कैसे हो रहा है- शिमला एसपी संजीव गांधी के मुताबिक अब तक साइबर ठग इंटरनेट, फर्जी प्रोफाइल या ओटीपी लेकर ठगी को अंजाम देते थे. लेकिन अब साइबर ठगी में आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हो रहा है. उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी AI के वॉयस क्लोनिंग टूल का सहारा लेकर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. जिसकी वजह से लोग आराम से इनके झांसे में आ जाते हैं.

संजीव गांधी ने बताया कि कि साइबर फ्रॉड में AI का सहारा लेने वाले अपराधी पहले ठगी के लिए अपना टारगेट चुनते है. इसके बाद उस शख्स की सोशल मीडिया प्रोफाइल को खंगाला जाता है. वहां मौजूद उसके दोस्त रिश्तेदारों के वीडियो और ऑडियो निकालकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये आवाज की क्लोनिंग की जाती है. इसके बाद ये साइबर क्रिमिनल रिश्तेदारों की आवाज में बात करके ठगी को अंजाम देते हैं.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट- एसपी शिमला संजीव गांधी कहते हैं कि जब भी इस तरह के कॉल आएं तो रिश्तेदार को फोन करके वेरिफाई कर लें साथ ही जिस नंबर से फोन आया है या जिस अकाउंट में पैसे भेजने के लिए कहा जा रहा है उसे भी वेरिफाई कर लें. इंटरनेट के माध्यम से पता चल जाएगा कि फोन नंबर या बैंक खाता कहां का है और आपके रिश्तेदार कहां रहते हैं. इसके अलावा कई एक्सपर्ट्स राय देते हैं कि सोशल मीडिया अकाउंट से लेकर मेल या अन्य जरूरी एप का पासवर्ड अलग-अलग रखने चाहिए. ताकि साइबर ठगों की पहुंच आपके सोशल मीडिया एकाउंट तक ना हो पाए.

ठगी हो तो क्या करें- अगर आपके साथ कभी भी साइबर ठगी हो तो जल्द से जल्द इसकी सूचना नजदीकी साइबर थाने या पुलिस स्टेशन में दें. ताकि पुलिस की ओर से जल्द से जल्द ऐसे कदम उठाए जा सकें जिससे साइबर ठग आपको या किसी अन्य को अधिक नुकसान ना पहुंचा सके. जिन खातों में पैसों का ट्रांजक्शन हुआ है उनको फ्रीज करवाया जा सके. साइबर ठगी होने पर अपने बैंक खाते में लेन-देन बंद करवाएं. इसके अलावा साइबर ठगी होने पर NCRB के पोर्टल या अपने राज्य की साइबर सेल या पुलिस की वेबसाइट पर भी शिकायत की जा सकती है.

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Last Updated : Jul 27, 2023, 8:35 PM IST

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