दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

साइबर क्राइम : वैक्सीन के लिए करने जा रहे रजिस्ट्रेशन, ताे हाे जाएं सावधान

राजस्थान सरकार 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए कोरोना वैक्सीनेशन अभियान चला रही है, लेकिन इसका फायदा अब साइबर ठग भी उठा रहे हैं. कोरोना वैक्सीनेशन के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के नाम पर साइबर ठग लोगों को निशाना बना रहे हैं.

साइबर क्राइम
साइबर क्राइम

By

Published : May 3, 2021, 10:50 AM IST

जयपुर :साइबर ठग अलग-अलग पैंतरे अपनाकर और नए तरीके ईजाद कर लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं. इस बार ठगों ने वैश्विक महामारी कोरोना के वैक्सीनेशन को अपना हथियार बनाते हुए ठगी का नया तरीका अपनाया है. साइबर ठग फर्जी एप और वेबसाइट बनाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं.

फर्जी वेबसाइट/एप बना रहे
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि जब से कोविड वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई है तभी से साइबर ठग सरकारी वेबसाइट से मिलते-जुलते नामों का प्रयोग कर कोविड वैक्सीनेशन के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के नाम पर धोखाधड़ी कर रहे हैं.

कोविन एप से मिलती जुलती एप के जरिए बना रहे शिकार

रजिस्ट्रेशन के नाम पर लोगों के आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्र की जानकारी मांग कर उनकी निजी जानकारी को डीप वेब पर बेचने का काम किया जा रहा है. इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन के नाम पर कुछ शुल्क अदा करने को कह कर भी लोगों से छोटे-छोटे टुकड़ों में राशि ठगी जा रही है.

कोविन से मिलते-जुलते नामों की एंड्राइड एप बना कर ठगी
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि साइबर ठग सरकार की ओर से कोविड वैक्सीनेशन के लिए बनाई गई कोविन एप से मिलती जुलती एंड्राइड ऐप बनाकर लोगों से ठगी कर रहे हैं.

एंड्राइड प्लेटफार्म पर ऐसी अनेक एप मौजूद हैं जो साइबर ठगों ने बनाए हैं. इन एप पर वैक्सीनेशन के नाम पर लोगों से 99, 149 और 249 रुपयों की मांग की जा रही है.

इसके साथ ही यह कहकर भी लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है कि वैक्सीनेशन का अमाउंट 300 या 400 रुपए ऑनलाइन पेमेंट या पेटीएम के जरिए जमा कराना होगा जिसे सरकार वापस रिफंड कर देगी. इसके साथ ही जो लोग क्रेडिट या डेबिट कार्ड के जरिए ऑनलाइन पेमेंट कर रहे हैं उनके कार्ड की जानकारी सेव कर ठग बड़ी वारदात को भी अंजाम दे सकते हैं.

सरकारी वेबसाइट/एप पर ही करें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि ठगों का शिकार होने से बचने के लिए वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने वाले व्यक्ति को केवल सरकारी वेबसाइट और एप का ही इस्तेमाल करना चाहिए.

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को यह ध्यान में रखना होगा कि वह जिस वेबसाइट पर आवेदन कर रहा है उसका डोमेन .nic या .gov है या नहीं. यदि डोमेन के अंत में .nic या .gov नहीं है तो इसका मतलब वह वेबसाइट फर्जी है जिसे ठग संचालित कर रहे हैं. सरकार कभी भी कमर्शियल डोमेन का इस्तेमाल वेबसाइट के संचालन में नहीं करती.

वेरीफाइड एप करें प्ले स्टोर से डाउनलोड
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि कोविन एप का इस्तेमाल कर वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने वाले व्यक्ति को यह ध्यान रखना चाहिए कि वह प्ले स्टोर से वेरीफाइड एप को ही डाउनलोड करें. यदि कोई लिंक भेज कर एप डाउनलोड करने के लिए कहा जाए तो उस लिंक पर क्लिक ना करें.

लिंक पर क्लिक करते ही ठग यूजर के मोबाइल में मालवेयर भेज देते हैं. फिर यूजर के मोबाइल का पूरा एक्सेस साइबर ठगों के हाथ में चला जाता है.

पढ़ें- जागते रहो : स्कीम का झांसा देकर थंब इंप्रेशन ले रहे साइबर ठग...फर्जी खाते खोल कर ठगी, बचाव में करें ये उपाय

इससे बचने के लिए यूजर को केवल वेरीफाइड एप डाउनलोड कर उसी के जरिए वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details