देहरादून :कोरोना महामारी से हर कोई परेशान है. एक तरफ आम आदमी हॉस्पिटलों में बेड, ऑक्सीजन, दवाई और मेडिकल उपकरणों के लिए इधर-उधर भटक रहा है. वहीं दूसरी तरफ साइबर ठग इसी का फायदा उठाकर आपके बैंक खाते पर घात लगाए बैठे हैं. साइबर ठगों ने इस महामारी में बीमारी के नाम पर ठगी का जाल फैलाया हुआ है, जिसमें कोई न कोई फंस ही जाता है. ऐसा ही एक मामला राजधानी देहरादून से सामने आया है. यहां ऑक्सीजन, दवाई और मेडिकल उपकरणों के नाम पर साइबर ठगी हो रही है.
कोरोना काल में जीवन रक्षक दवाइयों समेत ऑक्सीजन, ऑक्सीमीटर और मेडिकल उपकरणों की काफी कमी है, इसलिए इनकी जमकर कालाबाजारी हो रही है. हालांकि, पुलिस इनके नेटवर्क को तोड़ने में दिन-रात लगी हुई है. कार्रवाई भी की जा रही है, लेकिन कालाबाजारी करने वाले अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. अब उन्होंने जरूरतमंदों को ठगने के नया हथियार बना लिया है, जिसने पुलिस की चिंता बढ़ा दी है.
देहरादून के राजेश नौटियाल (बदला हुआ नाम) हाल ही में इन साइबरों ठगों का शिकार हुए हैं. दरअसल, कुछ मोबाइल नंबर सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं, जहां दावा किया जा रहा है कि उनके पास इंजेक्शन, ऑक्सीजन और मेडिकल उपकरण हैं. जरूरतमंद आदमी इन्हीं नंबरों पर कॉल करता है और यहीं से शुरू होता साइबर ठगों का असली खेल.
राजेश नौटियाल के घर में एक कोरोना पॉजिटिव है, जिसके लिए उन्हें ऑक्सीमीटर और ऑक्सीजन किट की जरूरत थी. ये चीजें मार्केट में नहीं मिल रही थी. इसी बीच सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक नंबर पर राजेश ने कॉल किया. मेडिकल उपकरण उपलब्ध होने का दावा किया गया था. राजेश ने उस नंबर पर कॉल किया. राजेश को जिन मेडिकल उपकरणों की जरूरत थी उसको लेकर अज्ञात व्यक्ति से बात की. अज्ञात व्यक्ति ने बताया कि उसके पास सारे मेडिकल उपकरण उपलब्ध हैं.