केस एक:मैनपुरी के थाना बेवर क्षेत्र के निवासी सुशील कुमार ने 19 हजार रुपये की साइबर ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था. जिस पर मैनपुरी पुलिस और साइबर क्राइम सेल ने साइबर क्रिमिनल गैंग के छह ठग गिरफ्तार किए हैं. साइबर क्रिमिनल से 64030 रुपये, मोबाइल, लैपटॉप, बायोमेट्रिक मशीन, मुहर, कार और अन्य सामान बरामद हुआ है.
केस दो: आगरा के सदर बाजार निवासी रमेश कुमार ने साइबर सेल में 25 हजार रुपए की साइबर ठगी की शिकायत की थी. साइबर क्रिमिनल ने हरियाणा में उसके बैंक खाता से रकम पार की थी. ऐसे ही 4-5 मामले सामने आ चुके हैं. जिसमें जमीन खरीदने और बेचने वालों के बैंक खाता से रुपये साफ हुए हैं.
आगरा:ये दो मामले महज उदाहरण हैं. यदि आपने भी हाल में प्रॉपर्टी खरीदी या बेची है या मकान की रजिस्ट्री कराई है तो सावधान हो जाएं. साइबर क्रिमिनल आपके भी बैंक खाते में सेंध लगा सकते हैं. क्योंकि, रजिस्ट्री विभाग की वेबसाइट पर जमीन खरीदने वाले, बेचने वाले और गवाह की जानकारी और डिजिटल डाटा सार्वजनिक है. जी हां. रजिस्ट्री वेबसाइट से डाटा चोरी करके लोगों के साथ साइबर ठगी हुई है. आगरा में पहले ही ऐसे ही कई मामले सामने आ चुके हैं. मैनपुरी पुलिस ने गुरुवार को एक ऐसे अंतरराज्यीय साइबर क्रिमिनल गैंग का पर्दाफाश किया है. यह साइबर क्रिमिनल गैंग रजिस्ट्री विभाग की वेबसाइट से लोगों के फिंगर प्रिंट डाउनलोड करके उनके आधार कार्ड का क्लोन बनाकर बैंक खाता साफ कर रहा था. पुलिस की पूछताछ में साइबर क्रिमिनर्ल्स ने कई चौंकाने वाले कबूलनामा किए.
यूं चुराते हैं सरकारी वेबसाइट से डाटा
आगरा साइबर क्राइम सेल के मुताबिक, साइबर क्रिमिनल पहले तहसीले से जमीन का बैनामा करने वाले लोगों का डाटा जमा करते हैं. उस डाटा का रजिस्ट्री विभाग की वेबसाइट से तहसील वार मिलान करते हैं, जिससे साइबर क्रिमिनल को जमीन के क्रेता, विक्रेता और गवाहों के फिंगर प्रिंट मिल जाते हैं. जिन्हें डाउनोड कर लेते हैं. इसके बाद कम्प्युटर सिस्टम या लैपटॉप की मदद से बटर पेपर एवं अन्य उपकरण की मदद से ठगी के लिए लोगों के फिंगर प्रिंट का क्लोन तैयार करते हैं. फिर, अपनी सेटिंग के जन सेवा केंद्र पर ऑनलाइन लोगों की केवाईसी कराकर उनके फिंगर प्रिंट के क्लोन को एक्टिवेट कर देते हैं. या जन सेवा केंद्र से यूजर आईडी और पासवर्ड लेकर मोबाइल या लैपटॉप से लॉगइन कर फिंगर प्रिंट स्केनर डिवाइस से फर्जी तैयार क्लोन फिंगर प्रिंट से लोगों के बैंक खाता से रुपये निकालते हैं.
साइबर क्रिमिनल कर रहे फिंगर प्रिंट का मिसयूज