देवघर : झारखंड के जामताड़ा जिले को दुनियाभर के लोग जानते हैं. यहां से गया एक फोन कॉल पलक झपकते के साथ ही आपको कंगाल बना सकता है. ये जगह इतनी खतरनाक और कुख्यात है कि इस पर एक वेब सीरिज भी बन चुकी है. देश में कहीं भी साइबर अपराध की बड़ी घटना होती है, तो उसका कनेक्शन जामताड़ा से जुड़ जाता है. यहां के साइबर अपराधी बड़े नेताओं, बॉलीवुड के कलाकारों और कई बड़े व्यवसायियों को भी ठग चुके हैं. अब झारखंड का देवघर जिला जामताड़ा पार्ट टू नजर आने लगा है.
देवघर बना साइबर क्राइम का गढ़
झारखंड की सांस्कृतिक राजधानी देवघर की पहचान भगवान शिव से है. शिव की ये नगरी बाबाधाम के नाम से अपनी अलग पहचान रखती है, लेकिन अब ये जगह साइबर अपराधियों का ठिकाना बन चुकी है. यहां इस साल साइबर अपराध के 87 मामले दर्ज हुए हैं और अब तक कुल 372 साइबर अपराधियों को सलाखों के पीछे धकेला जा चुका है. हैरान करने वाली बात ये है कि पकड़े गए युवक काफी कम पढ़े लिखें हैं फिर भी अच्छे समझदार लोगों को आसानी से ठग लेते हैं. देवघर के एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा के अनुसार, इनकी गतिविधियां एक्सपर्ट आईटी प्रोफेशनल्स की तरह हैं. इसकी वजह यह है कि साइबर अपराधी पैसे लेकर या अपनी संख्या बढ़ाने के लिए युवकों को ट्रेनिंग देते हैं. इस ट्रेनिंग के बाद वे एक्सपर्ट बन जाते हैं.
गौर करने की बात ये भी है इनमें से ज्यादातर आरोपी युवा हैं. इनमें से कई तो ठगी के आरोप में पहले भी जेल की हवा खा चुके हैं, लेकिन सलाखों से बाहर निकलते ही इनके कदम फिर से साइबर अपराध के दलदल में फंस जाते हैं. अपराधियों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले युवा भी शामिल हैं और तो और परिवार के कई सदस्य साथ मिलकर ठगी करते हैं. जिले के पुलिस कप्तान की मानें तो महंगे शौक और ईजी मनी की सोच युवाओं को अपराधियों का आसान शिकार बनाती है.