नई दिल्ली : विश्वविद्यालयीन सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी-यूजी) इस साल दो के बजाय तीन पालियों में होगी, साथ ही संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) जैसी परीक्षाओं में इसके विलय की घोषणा प्रभावी वर्ष से कम से कम दो साल पहले कर दी जाएगी. इसे लागू करने से कम से कम दो साल पहले किया जाएगा. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष जगदीश कुमार (UGC chairman M Jagadesh Kumar) ने यह जानकारी दी. कुमार ने विशेष साक्षात्कार में कहा कि यूजीसी और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार हैं कि सीयूईटी-यूजी परीक्षा बिना किसी परेशानी के संपन्न हो.
उन्होंने कहा, 'पिछले साल के विद्यार्थियों के अनुभव के मद्देनजर मैं सहमत हूं कि पिछली बार परीक्षा के दौरान कई खामियां सामने आईं, लेकिन इस साल सभी खामियों को दूर किया गया है. पिछली बार विद्यार्थियों को हुई परेशानियों को ध्यान में रखते हुए यह योजना बनाई गई है और हम यह सुनिश्चित करने को तैयार हैं कि उम्मीदवार केवल परीक्षा की चिंता करें, न कि खामियों की.' उन्होंने कहा, 'वैकल्पिक योजना के तहत अतिरिक्त कंप्यूटर और परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था की गई है, ताकि कोई समस्या आने पर विद्यार्थियों को उन परीक्षा केंद्रों पर स्थानांतरित किया जा सके और परीक्षा रद्द न की जाए.' कुमार ने कहा कि सामान्य परिपाटी से हटते हुए इस साल तीन पालियों में परीक्षा कराई जाएगी.
सीयूईटी को इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा ‘जेईई’ और मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ में विलय के सवाल पर कुमार ने कहा, 'यह निश्चित संभव हो सकता है। इसपर विस्तृत काम किया जा रहा है, लेकिन जब कभी भी इसका विलय किया जाएगा तो प्रभावी वर्ष से कम से कम दो साल पहले इसकी घोषणा की जाएगी, ताकि उसके अनुरूप विद्यार्थी अपनी तैयारी कर सकें.' उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा करा विद्यार्थियों पर से बोझ कम करना चाहिए. हमने विचार सामने रखा है ताकि विद्यार्थी मानसिक रूप से तैयार रहें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने ऐसी चीजें प्रस्तावित की हैं और आने वाले दिनों में इनके लागू होने की संभावना है. हम आंतरिक तौर पर काम कर रहे हैं कि कैसे इसे आगे ले जाया जाए.'
गौरतलब है कि यूजीसी ने पिछले साल मार्च में घोषणा की थी कि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रम में नामांकन सामान्य प्रवेश परीक्षा से होगी, न कि 12वीं कक्षा में मिले अंकों के आधार पर. बता दें कि 14.9 लाख पंजीकरण के साथ सीयूईटी-यूजी देश की दूसरी सबसे बड़ी परीक्षा बन गई थी और इसने जेईई मेंस को पीछे छोड़ दिया था, जिसमें करीब नौ लाख अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था. कुमार ने कहा, 'इस साल अबतक 11.5 लाख पंजीकरण कराये जा चुके हैं. अंतिम तारीख 30 मार्च तक बढ़ाई गई है और हमें उम्मीद है कि आवेदनों की संख्या पिछले साल से अधिक होगी.' जब उनसे पूछा गया कि परीक्षा के अंकों के 'सामान्यीकरण’ से कई अभ्यर्थी निराश होते हैं, क्योंकि उनके मूल अंकों में कटौती की जाती है जिससे वे अपने पसंदीदा कॉलेज में प्रवेश नहीं ले पाते. इस पर कुमार ने कहा कि इस प्रक्रिया में किसी भी त्रुटि को कमतर करने की कोशिश की जा रही है.'