जयपुर :राजस्थान के अलवर में मूक बधिर व मानसिक विक्षिप्त किशोरी से रेप के बाद ओवरब्रिज पर फेंक दिया गया. जिसकी हालत गंभीर बनी हुई है. जयपुर के जेके लोन हॉस्पिटल में 8 चिकित्सकों की टीम किशोरी को बचाने की जद्दोजहद कर रही है. पीड़िता से मिलने महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश भी अस्पताल पहुंचीं.
जयपुर के शिशु रोग अस्पताल जेके लोन में पीड़ित किशोरी का ऑपरेशन किया जा रहा है. आठ डॉक्टरों की टीम बच्ची का ऑपरेशन कर रही है. अस्पताल सुपरीटेंडेंट डॉ अरविंद शुक्ला ने बताया कि बच्ची का रेक्टम अपनी जगह से खिसक गया है, पेरिनियल एरिया में शार्प कट है जहां से ब्लीडिंग हो रही थी. इसे प्लास्टिक सर्जन की मदद से रिपेयर किया जा रहा है. बच्ची के पेट में छेद करके रास्ता बनाया जा रहा ताकि मल बाहर निकाला जा सके. फिलहाल बच्ची की हालत गंभीर बताई जा रही है और 6 से 7 महीने बाद फिर हो ऑपरेशन की नौबत आ सकती है.
ये है पूरा मामला
अलवर में मानसिक रूप से विक्षिप्त नाबालिग किशोरी (Minor raped in Alwar) मंगलवार रात रेलवे फाटक ओवरब्रिज पर लहूलुहान हालत में मिली थी. बालिका अचेत अवस्था में थी और लगातार ब्लीडिंग हो रही थी. पुलिस को आशंका जताई है कि किशोरी से रेप कर उसे तिजारा ओवरब्रिज पर फेंक कर आरोपी फरार हो गए. सूचना पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता को राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां से उसकी नाजूक हालत को देखते हुए जयपुर रेफर किया गया.
इस मामले में अलवर एसपी तेजस्विनी गौतम (SP Tejaswini Gautam) ने कहा कि किशोरी के प्राइवेट पार्ट से ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है, मामला गंभीर है. किशोरी के साथ दुष्कर्म (Retardant teenager raped in Alwar) की वारदात की संभावना है, हालांकि अभी जांच चल रही है. पुलिस ने आसपास क्षेत्र के लोगों से भी पूछताछ की, साथ ही क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से वाहनों की जांच पड़ताल भी की.
FSL टीम कर रही जांच
दूसरी तरफ इस मामले की जांच पड़ताल में जुटी पुलिस के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं. पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा की बालिका मानसिक रूप से विकलांग है. इसलिए वो बोल नहीं पा रही है. ऐसे में पुलिस के सामने मामले की जांच पड़ताल के लिए साइंटिफिक आधार है. पीड़िता की पहचान हो चुकी है. पुलिस ने बताया कि पीड़िता मालाखेड़ा थाना क्षेत्र की रहने वाली है. इसकी तहकीकात के लिए पहली बार जयपुर से एफएसएल टीम (Jaipur FSL team reached Alwar) बुलाई गई है. इसमें राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के सहायक निदेशक डॉ राजेश सिंह, प्रयोगशाला के वरिष्ठ वैज्ञानिक राम सिंह कुमावत व संजय कुमार श्रीवास्तव शामिल हैं.