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राजसमंद के इस मंदिर में लग रहा भक्तों का तांता, जानें क्यों - नवरात्रि राजसमंद मंदिर भीड़

राजस्थान के राजसमंद जिला मुख्यालय के पास ऊंची पहाड़ी पर माता अन्नपूर्णा का विशाल मंदिर (Annapurna mata temple in rajsamand) स्थित है. नवरात्र के अवसर पर इन दिनों मां के दर्शन-पूजन के लिए लंबी कतार लग रही है. मान्यता है कि मां, भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं और उनके घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होने देतीं.

Annapurna mata temple rajsamand
राजसमंद राजराजेश्वरी अन्नपूर्णा मंदिर

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Published : Apr 8, 2022, 12:06 PM IST

Updated : Apr 8, 2022, 3:45 PM IST

राजसमंद.नवरात्र के पावन पर्व पर देश के हर मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है. ऐसी ही एक मंदिर है राजस्थान के राजसमंद जिला मुख्यालय के पास जहां पहाड़ी पर प्रमुख शक्तिपीठ राजराजेश्वरी अन्नपूर्णा माता का प्राचीन मंदिर (Annapurna mata temple in rajsamand) स्थित है. नवरात्रि के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला लगातार जारी है. माता अन्नपूर्णा का ये मंदिर देश ही नहीं, विदेशों में भी विख्यात है. कहते हैं कि माता के दर्शन से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

नवरात्र के अवसर पर माता रानी के मंदिर (Annapurna mata temple in Navratri) की विशेष आकर्षक सजावट की गई है. मंदिर में मेवाड़, मारवाड़ सहित प्रदेश के विभिन्न प्रांतों से श्रद्धालु यहां आकर मां अन्नपूर्णा के दरबार में अरदास लगा रहे हैं. मंदिर के पुजारी महंत गोपाल जी ने बताया कि मां अन्नपूर्णा माता के प्राचीन मंदिर की यह मान्यता है कि यहां आने वाले हर श्रद्धालु की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और उनके घर में कभी भी अन्न-जल की कमी नहीं होती है. मां अन्नपूर्णा माता के इस मंदिर से झील का नजारा भी दिव्य दिखाई देता है. यह भी मान्यता है कि अन्नपूर्णा माता के बिराजने के बाद से यहां कभी अकाल नहीं पड़ा.

राजसमंद राजराजेश्वरी अन्नपूर्णा मंदिर

यह प्राचीन मंदिर, ऐतिहासिक राजसमंद झील के किनारे राजगढ़ की पहाड़ी पर स्थित है. राजगढ़ की इस पहाड़ी पर माताजी का मंदिर पहले से था, लेकिन महाराणा राजसिंह के समय में राजसमंद झील के निर्माण के दौरान राजगढ़ की पहाड़ी पर माता का विशाल मंदिर बनवाया गया. इस मंदिर तक पहुंचने के लिए दो मार्ग हैं. पहला मार्ग प्राचीन है जो राजनगर की ओर से आता है. यह मार्ग कच्चा और दुर्गम है. इसके अलावा, सड़क मार्ग है जिससे वर्तमान में श्रद्धालु मंदिर जाते हैं.

बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण, महाराणा राजसिंह ने अपनी मनोकामना पूरी होने पर करवाया था. वहीं मंदिर के इतिहास की बात करें तो यह नगर स्थापना के भी पहले का है. अन्नपूर्णा माता मंदिर के बारे में मान्यता है कि मां के दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं के घर के भंडार हमेशा भरे रहते हैं और मां उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. वहीं दुर्गम और कठिन पहाड़ियों से होकर मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की सारी थकान, माता के दर्शन मात्र से दूर हो जाती हैं.

फिर से बड़ी संख्या में पहुंच रहे भक्त
कोरोना काल के 2 साल बाद एक बार फिर से माता रानी के मंदिर में भक्तों की कतार लग रही है. माता के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए मेवाड़, मारवाड़ के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के लोग पहुंच रहे हैं. नवरात्रि के पावन पर्व पर माता रानी को विशेष शृंगार कराया जा रहा है. पिछले 2 सालों से कोरोना के कारण गिने-चुने लोग ही मंदिर पहुंच रहे थे लेकिन अब हालात सामान्य होने पर मंदिर में फिर से चहल-पहल देखने को मिल रही है.

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महाराणा राजसिंह ने करवाया था मंदिर का निर्माण
महाराणा राजसिंह के शासन में भीषण अकाल के दौरान महाराणा राजसिंह ने लोगों को राहत देने के लिए राजसमंद झील निर्माण का निर्णय लिया. इसके साथ ही राजगढ़ की पहाड़ी पर अन्नपूर्णा माताजी का विशाल मंदिर इस उद्देश्य से बनाया गया कि लोगों का घर धन-धान्य से हमेशा भरा रहे. इसके बाद इस क्षेत्र में कभी भी अकाल नहीं पड़ा.

Last Updated : Apr 8, 2022, 3:45 PM IST

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