वैशालीःपीएफआई का तार बिहार से जुड़ा रहा है. इस मामले में NIA ने अब तक कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो किसी न किसी प्रकार से PFI से जुड़े रहे हैं. हाल में खबर आ रही है कि वैशाली से गिरफ्तार मो रियाज पीएएफआई का सदस्य रहा है. बिहार में संगठन का विस्तार करने में इसकी भूमिका ज्यादा मानी जा रही है. मो. रियाज की गिरफ्तारी के बाद NIA की टीम सक्रिय हो गई है. NIA की टीम बहुत जल्द खुलासा करने वाली है.
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NIA के कब्जे में रियाजः 6 अगस्त को जिले के कटहरा ओपी थाना क्षेत्र के ताल सेहान गांव से जमीन विवाद मामले में गिरफ्तार मो. रियाज से एसटीएफ व एनआईए (National Investigation Agency) की टीम पूछताछ कर रही है. एनआईए इसे रिमांड पर लेकर फुलवारी शरीफ टेरर मॉडल में मोहम्मद रियाज की भूमिका खंगालने में जुटी है. फुलवारी शरीफ के नया टोला से देश विरोधी गतिविधियों के अड्डा का खुलासा होने के मामले में 26 नामजद आरोपियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गई थी.
फुलवारी शरीफ से मामले का हुआ था खुलासाः इस मामले में कइयों की गिरफ्तारी भी की गई थी. इसका तार पटना, नालंदा, दरभंगा, मधुबनी, कटिहार, मुजफ्फरपुर, सारण और वैशाली से जुड़ा हुआ बताया गया था. एनआईए ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि फुलवारी शरीफ में देश विरोधी गतिविधियां चल रही थी. इसके अलावा देश के विभिन्न राज्यों से भी कई आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है.
दंगा भरकाने की देता था ट्रेनिंगः बता दें कि 2047 तक भारत को समुदाय विशेष राष्ट्र बनाने के मिशन पर काम हो रहा था. दूसरे राज्यों से ट्रेनर यहां आते थे. मार्शल आर्ट और शारीरिक शिक्षा के नाम पर युवाओं को ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाता था. उन्हें हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती थी. इसका फंडिंग विदेश से होता था. दो समुदाय के बीच तनाव पैदा कैसे किया जाए, कैसे दंगा भरके? इसकी भी ट्रेनिंग दी जाती थी.
फंडिंग जुटाना इसका काम थाःइसमें अहम भूमिका वैशाली के कटहरा थाना क्षेत्र के ताल सेहान के रहने वाले मोहम्मद रियाद का था. उसका काम फंडिंग जुटाना था. सूत्रों की माने तो रियाज अपने गांव चोरी छिपे ट्रेनिंग सेंटर चलाता था. मासूम लोगों का ब्रेनवॉश कर इस काम में लगाया जाता था. रियाज दो बार महुआ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ चुका है.