वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के अन्य बड़े नेता हमेशा से ही सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने कार्यकाल में तीन तलाक जैसे मामलों को खत्म करके मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को बढ़ावा दिया. लेकिन, आज भी कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें मुस्लिम महिलाओं की तरफ से खुद पर अत्याचार की बात कही जा रही है. ऐसा ही एक मामला वाराणसी में भी सामने आया है.
एक मुस्लिम महिला ने खुद पर अत्याचार और शोषण करने के साथ ही शारीरिक संबंध बनाए जाने का दबाव बनाते हुए मारपीट करने का आरोप लगाया है. महिला का यह भी आरोप है कि उससे नौकरी के नाम पर पैसे मांगे गए और मना करने पर शारीरिक संबंध बनाए जाने की बात कहते हुए उसके साथ मारपीट की गई. इसकी वजह से उसका गर्भपात भी हो गया. फिलहाल, इस मामले में पुलिस की तरफ से आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने के बाद पीड़िता ने सीएम योगी से न्याय की गुहार लगाते हुए अपने खून से सीएम योगी को पत्र लिखा है. इसके बाद पुलिस ने देर शाम मदरसा प्रबंधक रिजवान सहित एक अन्य बेलाल के खिलाफ धारा 356 छेड़खानी 323 मारपीट और 506 धमकाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया.
पीड़ित महिला ने बताया कि जेतपुरा थाना इंचार्ज सहित 112 नंबर पर भी उसने अपने साथ हुए अत्याचार की सूचना दी थी. लेकिन, उसके साथ पुलिस खड़ी ही नहीं हुई और न ही उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई हुई. 2 दिन तक काफी प्रयास करने के बाद थक हारकर उसने सीएम योगी को अपने खून से पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई. पीड़ित महिला का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उसने पत्र लिखकर बताया है कि जैतपुरा स्थित रसूलपुरा मदरसे में अध्यापिका के लिए उसने अप्लाई किया था. जहां मदरसे के प्रबंधक की तरफ से फाइल बनाने के नाम पर उससे 2 लाख रुपये मांगे गए. इसके बाद महिला से इंटरव्यू के नाम पर 13 लाख रुपये की मांग की गई, जो उसने देने से इनकार कर दिया.
इसके बाद मदरसे के प्रबंधक ने उससे 13 लाख रुपये की जगह शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया. इनकार करने पर चोरी छिपे इंटरव्यू करके दूसरे का सिलेक्शन गलत तरीके से किया जाने लगा. इसका विरोध करने पर 28 जून को उसके साथ मारपीट हुई. यह तब हुआ, जब प्रबंधन को यह बात अच्छे से पता थी कि वह गर्भवती है. मारपीट की वजह से उसका गर्भपात हो गया. इसकी शिकायत उसने लिखित तौर पर जेतपुरा थाने को की. लेकिन, 28 जून को दी गई तहरीर के बावजूद थाना अध्यक्ष ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की. इसके बाद उसने न्याय की गुहार लगाते हुए सीएम योगी को अपने खून से पत्र लिखा. इस महिला के साथ मदरसे की ही एक दूसरी शिक्षिका का कहना है कि गलत तरीके से इंटरव्यू करके मदरसे में पैसे लेकर शिक्षकों की भर्ती की जाती है, जो गलत है. आवाज उठाने पर इसी तरह मारपीट और प्रताड़ना की जाती है.
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