बागपत : 'चलती-फिरती आंखों से अजां देखी है, मैंने जन्नत तो नहीं देखी लेकिन मां देखी है'. नामवर शायर मुनव्वर राना की ओर से मां पर गढ़े गए दो लाइनों के इन अल्फाजों से मां की अहमियत का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है, लेकिन एक मां ने अपनी ही ढाई महीने की मासूम की हत्या कर इस रिश्ते पर बदनुमा दाग लगा दिया. दिल को झकझोर देने वाली ये वारदात बड़ौत इलाके के एक गांव की है. महिला ने गुरुवार को बच्ची की हत्या की थी. उसने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है. शनिवार को पुलिस ने बच्ची के शव को कब्र से निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा.
परिवार के लोग गए थे बाहर :बड़ौत थाना क्षेत्र के गांव कोताना में अजय अपने परिवार के साथ रहते हैं. परिवार में पत्नी स्वाति के अलावा ढाई महीने की एक बच्ची भी थी. इसके अलावा परिवार में अन्य सदस्य भी हैं. गुरुवार को परिवार के लोग किसी काम से बाहर गए थे. अजय और उनकी मां का आरोप है कि जब वे लौटे तो बच्ची बिस्तर पर बेसुध पड़ी थी. आनन-फानने में वे बच्ची को लेकर चिकित्सक के पास पहुंचे. चिकित्सक ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिवार के लोगों ने बच्ची के शव को दफना दिया.
हाव-भाव से स्वाति पर गहराया शक :परिवार के लोगों ने सोचा कि शायद बच्ची को अचानक कोई परेशानी आ गई हो. इससे उसकी मौत हो गई हो. लेकिन स्वाति के हाव-भाव किसी और कहानी की ओर इशारा कर रहे थे. अजय ने बताया कि आमतौर पर जिस मां की बच्ची की मौत हो जाए, उस पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है लेकिन स्वाति को मानो बेटी की मौत का कोई गम ही नहीं था. इससे उस पर शक गहरा गया. जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने स्वीकार कर लिया कि उसने ही मासूम की हत्या की है. स्वाति ने बताया कि उसने गला दबाकर बच्ची की हत्या की है. हालांकि इसके पीछे की वजह उसने नहीं बताई.