हापुड़ : जिले की छात्रा इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने गाजियाबाद गई थी. बदमाशों से मोबाइल की छीना-झपटी में चलती ऑटो से गिरकर उसकी मौत हो गई. पुलिस ने घटना में शामिल एक बदमाश को मार गिराया है. छात्रा की मां, पिता, भाई और सहेली ने ईटीवी भारत से बातचीत में अपना दर्द बयां किया. बताया कि घटना वाले दिन क्या हुआ था. यह भी बताया कि कीर्ति कुछ सपने लेकर शहर में गई थी, लेकिन बदमाशों ने उसे रौंद दिया. बेटी का जिक्र आते ही परिवार के सदस्यों की आंखें नम हो जाती हैं.
भाई बोला- पढ़ने में होशियार थी बहन :कीर्ति के भाई अंकित ने बताया कि बहन पढ़ने में होशियार थी. वह इंजीनियरिंग की छात्रा थी. वह कॉलेज से लौट रही थी. हाल ही में बहन का दाखिला हुआ था. बाइक से दो लड़के आए. उन्होंने फोन की छीना-झपटी की. बदमाशों से मोबाइल की छीना-झपटी में वह ऑटो से नीचे गिर गई. वह काफी सीरियस थी. तीन दिन तक उसे बिल्कुल होश नहीं आया. वह वेंटिलेटर पर थी. रविवार की रात उसकी मौत हो गई. प्रशासन से हमें पूरी मदद मिली, हम चाहते हैं कि हमें न्याय मिले. मेरी एक ही बहन थी, बदमाशों ने उसे छीन लिया. मुझे नहीं पता था कि इतनी जल्दी कीर्ति हम सबको छोड़कर चली जाएगी.
दूसरे बदमाश को भी मार गिराए पुलिस :कीर्ति की मां ममता ने बताया कि बेटी पढ़-लिखकर कुछ बनना चाहती थी. सपने लेकर वह गाजियाबाद में पढ़ने गई थी. पढ़ने-लिखने में तेज होने के कारण पूरा परिवार उसका सपोर्ट करता था. हमेशा कहती थी कि देखना एक दिन मैं कामयाब होकर दिखाऊंगी, परिवार का सहारा बनूंगी, लेकिन बदमाशों ने उसे मार डाला, उसके सपने कुचल दिए. हमने अपनी बेटी खो दी है. अब वह लौटकर नहीं आने वाली. हमारी एक ही बेटी थी, हमने उसे नाज से पाला था. बदमाशों को भी उनके किए की सजा मिलनी चाहिए. बहुत अच्छा हुआ कि पुलिस ने एक बदमाश को मार गिराया है. दोनों बदमाश मार दिए जाते तो और अच्छा होता.
पिता की भर आईं आंखें, बोले- किसी के साथ ऐसा न हो :मीडिया से बातचीत में पिता रविंद्र सिंह की आंखें भर आईं. उन्होंने बताया कि बेटी कीर्ति कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग कर रही थी. 12 दिन ही उसके दाखिले के हुए थे. अक्सर वह बस से आया करती थी. उस दिन जल्दी छुट्टी होने के कारण वह ऑटो से आ रही थी. उसकी सहेली दीक्षा जिंदल भी उसके साथ ही थी. दो बदमाशों ने मोबाइल छीनने की कोशिश की, बेटी साहस दिखाते हुए उनसे भिड़ गई. उसने मोबाइल नहीं छोड़ा. इस पर बदमाशों ने उसे खींच लिया. दीक्षा ने लोगों की मदद से बेटी को जीएस अस्पताल पहुंचाया. इसके बाद हमें खबर दी गई. हालत गंभीर होने पर हमने बेटी को यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया. दूसरे बदमाश को भी सजा मिले, उसने हमारी बेटी की जान ली. हमारी बेटी बहादुर थी. किसी की बहन-बेटी के साथ ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए.