सीतापुरःसुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाले पुलिस महकमे से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. पुलिस महकमे के अधिकारी इस मुद्दे पर मीडिया के सामने कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं दिखाई दे रहे हैं. दरअसल उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से 5 महिला सिपाहियों ने लिंग परिवर्तन की अनुमति मांगी है. इनमें 2 सिपाही सीतापुर की और अन्य गोंडा और गोरखपुर में कार्यरत हैं. ये महिला सिपाही लिंग परिवर्तन कर पुरुष बनना चाहती हैं. इन महिला सिपाहियों ने हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए इसे अपना संवैधानिक अधिकार भी बताया है.
सूत्रों की मानें सीतापुर की 2 महिला सिपाही इस मांग में शामिल हैं. इसके अलावा एक महिला सिपाही वर्तमान समय में गोरखपुर में तैनात है जो अयोध्या की रहने वाली बताई जा रही है. खुद को जेंडर डिस्फोरिया की शिकार बताने वाली इस महिला कांस्टेबल को बचपन से ही लड़कों की तरह रहना अच्छा लगता था. उसे शुरू से ही स्कर्ट पहनने में संकोच होता था. लिहाजा बचपन से ही सिर्फ शर्ट-पैंट पहनना और बाल भी लड़कों जैसे ही रखने का शौक था. स्कूल में भी वह लड़कों वाले खेल ही खेलती थी. इसी के चलते सारे बच्चे उसको लड़का कहकर ही बुलाते थे. गोरखपुर में पहली तैनाती पाने वाली यह महिला सिपाही पल्सर बाइक से चलती है. इस महिला सिपाही ने दिल्ली के एक बड़े अस्पताल से भी संपर्क किया है.
वहीं, सूत्रों से पता चला है कि इस महिला सिपाही को जेंडर डिस्फोरिया है. अब इसको मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार है. उसके आधार पर वह हाइकोर्ट जाने की तैयारी कर रही है. कमोवेश ऐसा ही एक मामला सीतापुर में तैनात 2 महिला सिपाहियों का भी सामने आया है. इन सभी ने उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक से लिंग परिवर्तन कराने की अनुमति मांगी है.
सूत्रों के मुताबिक डीजी कार्यालय से सम्बंधित जिलों के एसपी को पत्र जारी कर उनकी काउंसलिंग के लिए निर्देशित किया गया है. बताते हैं कि ऐसे ही प्रकरण में हाईकोर्ट के वर्डिक्ट में लिंग परिवर्तन को संवैधानिक अधिकार माना गया है और इसी आधार पर इन पांचों महिला कांस्टेबल ने डीजी ऑफिस से लिंग परिवर्तन की अनुमति मांगी है. महिला कांस्टेबलों ने ये स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले में अगर डीजी ऑफिस से कोई निर्णय नहीं होता है तो वे अपनी मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगी. इसके अलावा 2 अन्य महिला सिपाहियों के बारे में अधिकारी कुछ भी नहीं बोल रहे हैं.