आगरा: अमेरिका के नेवी सचिव कार्लोस डेल टोरा को ताजमहल घुमाने वाले फर्जी गाइड असद आलम खान पर शिकंजा कसा है. 11 माह की जांच और छानबीन के बाद अवैध गाइड के खिलाफ पर्यटन थाना में शनिवार को मुकदमा दर्ज हुआ है. जिससे अवैध गाइडिंग करने वाले और लोगों में खलबली मच गई है. ताज सुरक्षा एसीपी सैय्यद अरीब अहमद ने बताया कि, आरोपी के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है.
ये था पूरा मामला
बता दें कि, अमेरिका के नेवी सचिव कार्लोस डेल टोरा ने 19 नवंबर 2022 को ताजमहल का दीदार किया था. उस समय उनका शिल्पग्राम में तत्कालीन एसडीएम नीरज शर्मा ने स्वागत किया था. वीवीआईपी प्रोटोकाॅल के तहत अमेरिका के नेवी सचिव कार्लोस डेल टोरा को ताजमहल घुमाने के लिए एसडीएम नीरज शर्मा ने वरिष्ठ अंग्रेजी भाषी एक गाइड की व्यवस्था की थी. लेकिन शिल्पग्राम में ही एक सैन्यकर्मी ने असद आलम खान को वीआईपी को ताज का भ्रमण कराने के लिए भेज दिया गया. फर्जी गाइड असद आलम खान ने वीआईपी को भ्रमण कराया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. जिससे पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन में खलबली मच गई थी. एसडीएम नीरज शर्मा ने फर्जी गाइड असद आलम खान को पूछताछ के लिए बुलाया. इसके बाद उसे ताजगंज थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया था. इस पर उसने ताजगंज थाना पुलिस को एक उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से जारी गाइड लाइसेंस की प्रति उपलब्ध कराई है. इसके बाद 21 नवंबर 2022 को पर्यटन विभाग ने उसका लाइसेंस फर्जी बताया था.
ऐसे हुआ खुलासा
वीवीआई को ताजमहल घुमाने से पुलिस, प्रशासन और पर्यटन विभाग की खूब फजीहत हुई. इस पर संयुक्त निदेशक पर्यटन अविनाश चंद्र मिश्रा ने इसकी जांच कराई. जिसमें उन्होंने पाया कि गाइड के पास जो लाइसेंस था. उस पर पर्यटन महानिदेशक रहे अमृत अभिजात का नाम लिखा था. ये नाम भी पूरी तरह से सही नहीं था. इसके साथ ही संयुक्त निदेशक पर्यटन अविनाश चंद्र मिश्रा के दस्तखत और उनकी मुहर भी लगी थी. मिश्रा ने अपनी जांच में दस्तखत भी फर्जी पाए.
रक्षा मंत्री को लिखा था पत्र
टूरिस्ट गाइड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक दान ने इस मामले को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा था. जिसमें यह बताया था कि यूएस के नेवी सचिव को फर्जी गाइड द्वारा घुमाने का मामला बेहद गंभीर है. इस मामले में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. जिससे भी पयर्टन विभाग और जिला प्रशासन में खलबली मच गई थी.