अहमदाबाद: अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने सेना के फर्जी दस्तावेजों पर ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसमें क्राइम ब्रांच ने 556 और लाइसेंस जब्त किए हैं. आरोपी के पास से एक फर्जी कैंटीन कार्ड भी बरामद हुआ है.
जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील इलाके उरी, पुलवामा, अनंतनाग, बारामुला जैसे स्थानों की सैन्य छावनी के पते पर गांधीनगर से जम्मू के लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के मामले में और भी दस्तावेज जब्त किए गए हैं. आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि ये लोग 5 हजार से 9 हजार रुपये लेते थे. जांच में जम्मू के 3 और गांधीनगर के 3 लोगों के नाम भी सामने आए हैं. फिर एक टीम जम्मू जाने के लिए तैयार की गई है. मिलिट्री इंटेलिजेंस पुणे ने अहमदाबाद क्राइम ब्रांच को सूचना दी, जिसके आधार पर गांधीनगर आरटीओ में कार्यरत संतोष चौहान और धवल रावत नाम के एजेंट को गिरफ्तार किया गया.
ये एजेंट पिछले तीन साल से सेना के फर्जी दस्तावेजों पर लाइसेंस बना रहे थे. अब तक जम्मू-कश्मीर के 2000 से अधिक रेजिडेंट लाइसेंस बनाए जा चुके हैं. जम्मू-कश्मीर में इस लाइसेंस का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए करने के संदेह पर जांच शुरू कर दी गई है. गिरफ्तार आरोपी संतोष सिंह चौहान की जांच के दौरान पता चला कि वह 1991 से 2012 तक भारतीय नौसेना अस्पताल आईएनएचएस अश्विनी में रखरखाव कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहा था.