नई दिल्ली :दिल्ली के जहांगीरपुरी में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर मंगलवार को जब नॉर्थ एमसीडी का बुल्डोजर चला तो मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने यथावत स्थिति बनाए रखने के आदेश दिए और बुधवार को फिर मामले पर सुनवाई की बात कही. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने के बाद मीडिया में प्रसारित हो जाने के बाद भी 9 बुल्डोजर के साथ जहांगीरपुरी के 'C' ब्लॉक में कार्रवाई जारी रही.
वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे दोबारा मुख्य न्यायाधीश के पास मामले को लेकर पहुंचे. इसी बीच सीपीएम की वरिष्ठ नेता बृंदा करात (CPIM Brinda Karat) अपने कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंचीं और सुप्रीम कोर्ट का आदेश दिखाते हुए कार्रवाई रोकने को कहा. बाद में पुलिस अधिकारियों से भी उनकी बातचीत हुई और कार्रवाई पूरी तरह से रोक दी गई लेकिन लगभग चार घंटे चली कार्रवाई में कई अतिक्रमण पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम का बुल्डोजर चल चुका था.
'ईटीवी भारत' ने इस पूरे मामले पर सीपीएम की वरिष्ठ नेता बृंदा करात से बातचीत की. बृंदा करात ने कहा कि यह कार्रवाई न केवल गैर कानूनी है बल्कि संविधान के दायरे से भी परे है. भाजपा की सरकार समुदाय विशेष के लोगों को निशाना बनाकर इस तरह की कार्रवाई कर रही है, यदि बात केवल अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने की है तो जिन गरीब लोगों की दुकानों को उजाड़ा गया उन्हें कम से कम पूर्व सूचना देकर जवाब देने का समय दिया जाना चाहिए था.