हैदराबाद :दुनिया भर में जर्नलिस्ट के खिलाफ उत्पीड़न का मामला लगातार बढ़ रहा है. अमेरिका का मीडिया वॉचडॉग 'कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (CPJ) की रिपोर्ट के मुताबिक 1 दिसंबर 2021 तक दुनिया भर में 293 रिपोर्टरों को जेल में डाला गया. यह आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले ज्यादा है. 2020 में 280 पत्रकारों को जेल में डाला गया था.
रिपोर्ट के अनुसार, इन पत्रकारों को सरकार की आलोचना के कारण जेल की हवा खानी पड़ी है. सीपीजे के अनुसार, अपने काम के दौरान 2021 में कुल19 जर्नलिस्ट को जान गंवानी पड़ी. 2020 में 22 पत्रकारों की हत्या हुई थी. इस साल तीन पत्रकार संघर्ष क्षेत्रों से रिपोर्टिंग करते हुए मारे गए जबकि दो की मौत विरोध प्रदर्शन या सड़क पर हुई झड़पों को कवर करने के दौरान हुई. भारत के फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी अफगानिस्तान में पाकिस्तान से सटी सीमा चौकी के पास मारे गए. 16 जुलाई 2021 को तालिबान ने उनकी हत्या की थी. 2021 में ही मेक्सिको के पत्रकार गुस्तावो सांचेज कैबरेरा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
2021 में भारत में पांच पत्रकार मारे गए, जो 2018 के बाद सबसे ज्यादा है. इनमें से 4 जर्नलिस्ट स्थानीय मीडिया के लिए काम कर रहे थे. पांचवां पत्रकार लखीमपुर में प्रोटेस्ट कवर करने के दौरान मारा गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में भारत में सात पत्रकारों को जेल में बंद किया गया . इनमें से पांच पत्रकारों की जांच आतंकवाद से संबंधित गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत की जा रही है. चार पत्रकार एक साल से अधिक समय से जेल में हैं.