दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

प्रधानमंत्री द्वारा संसद भवन का उद्घाटन संविधान की बेइज्जती, संवैधानिक ढांचा को ठेस पहुंचाने का हो रहा काम: वृंदा करात

नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर चल रहे राजनीतिक विवाद में माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने भी प्रधानमंत्री द्वारा संसद भवन के उद्घाटन पर आपत्ति जताई है. उन्होंने इसे संविधान की बेइज्जती बताया है.

inauguration of Parliament House
inauguration of Parliament House

By

Published : May 27, 2023, 6:55 PM IST

वृंदा करात, पोलित ब्यूरो सदस्य, माकपा

बोकारो:नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर पूरे देश में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. देश के तमाम राजनीतिक दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद भवन के उद्घाटन को लेकर अलग-अलग पक्षों में बंटे हुए हैं. इस उद्घाटन समारोह का 19 राजनीतिक दलों ने बहिष्कार किया है. इसी कड़ी में माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य सह पूर्व सांसद वृंदा करात ने भी प्रधानमंत्री द्वारा संसद भवन के उद्घाटन को लेकर आपत्ति जताई है.

यह भी पढ़ें:New Parliament Building: 'इतिहास बदलने के लिए हर चीज बदल रहे हैं', CM नीतीश ने पूछा- नए संसद भवन की क्या जरूरत थी?

उन्होंने कहा कि आज देश की नजर संसद भवन पर है, यह खेद की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संवैधानिक ढांचा को ठेस पहुंचाने का काम कर रहे हैं, राष्ट्र का प्रथम नागरिक राष्ट्रपति होता है. उसकी जगह प्रधानमंत्री से उद्घाटन कराया जा रहा है. यह सरासर संविधान की बेइज्जती है.

दरअसल, माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात शनिवार को माकपा राज्य कमेटी की दो दिवसीय बैठक में भाग लेने के लिए झारखंड के बोकारो जिले में पहुंची थीं. जहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने ये बातें कही.

'नरेंद्र मोदी एक वादी सिद्धांत के तहत कर रहे काम':वृंदा करात ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक वादी सिद्धांत के तहत काम कर रहे हैं. सेंगोल की बात को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के घर सेंगोल से संबंधित कार्यक्रम एक निजी कमरे में हुआ था, ना कि वह राष्ट्र को समर्पित कार्यक्रम था. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी राजा महाराजा के प्रतीक को सदन के अंदर रखने की कोशिश कर रहे हैं. ये लोकतंत्र के हिस्से से बिल्कुल अनुचित है. पीएम मोदी और उनके आसपास के लोगों के द्वारा संविधान की व्यवस्था को चोट पहुंचाई जा रही है. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल के साथ-साथ माकपा भी कल के संसद कार्यक्रम का बहिष्कार कर रही है.

उन्होंने कहा कि देश में मजदूरों का हमेशा से शोषण होता रहा है, लेकिन मोदी युग में सर्वाधिक शोषण हो रहा है. एक स्थायी कर्मचारी के बदले में 10 अस्थाई यानी ठेका मजदूरों को रखा जा रहा है. एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि माकपा चुनाव को देखकर काम नहीं कर रही है. बीजेपी के विपक्ष में जो दल होंगे, उनके साथ सामंजस्य बैठाकर 2024 का चुनाव लड़ने पर विचार किया जाएगा, क्योंकि देश को बचाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि चुनाव के मद्देनजर हर प्रदेश में अलग-अलग नजरिया और समस्याएं हैं, उसके मद्देनजर पार्टी निर्णय लेगी.

कई मुद्दों के खिलाफ पार्टी करेगी आंदोलन: माकपा राज्य कमेटी की दो दिवसीय बैठक में पार्टी के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने झारखंड की राजनीतिक घटनाक्रम और पार्टी की ओर से आयोजित पिछले दिनों की गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की. रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया कि राज्य में विस्थापन, खाद्य सुरक्षा, मनरेगा और वन अधिकार का मुद्दा महत्वपूर्ण मुद्दा है. उन्होंने बताया कि पार्टी इन मुद्दों पर पूरे राज्य में अभियान चला कर आंदोलन करेगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details