पाकुड़: भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी मार्क्सवादी की पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने पाकुड़ में ज्वलंत मुद्दों को लेकर पार्टी की जनसुनवाई कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने संसद की सुरक्षा मामले में गैर भाजपा सांसदों की बड़ी संख्या में निलंबन की कार्रवाई को संवैधानिक प्रावधानों पर हमला करार दिया.
वृंदा करात ने कहा कि यह संवैधानिक प्रावधानों पर हमला है, लेकिन जिस तरह टीएमसी सांसद ने उपराष्ट्रपति को लेकर मिमिक्री की वह वामपंथ के कल्चर में नहीं है. देश के इतिहास में संसदीय प्रणाली के ऊपर मोदी सरकार ने जो हमला किया है, उसने हमारे देश के इतिहास में नई मिसाल कायम की है. पूरे विपक्ष को ही आपने संसद से बाहर कर दिया और इतने गंभीर सवाल पर कोई स्टैंडप कमीडियन का काम करें यह लेफ्ट के कल्चर में नहीं है.
भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी मार्क्सवादी की पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने पाकुड़ में जन सुनवाई कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि सांसदों के निलंबन के मामले को लेकर आगामी 22 दिसंबर को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने मोदी सरकार के कार्यकाल में गैर भाजपा शाषित राज्यों के साथ की जा रही वितीय कटौती सहित राज्यपालों द्वारा सरकारों को परेशान करने की नीतियों की आलोचना भी की. उन्होंने राज्य की हेमंत सरकार की कुछ नीतियों पर भी हमला बोलते हुए कहा कि जो ठोस कदम उठाए जाने चाहिए वह झारखंड में नहीं उठाया जा रहा है.