कोझीकोड : केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की युवा ईकाई DYFI के एक मुस्लिस कार्यकर्ता की एक ईसाई युवती से विवाह करने के बाद राजनीतिक विवाद छिड़ गया है. दरअसल, युवती के रिश्तेदारों ने 'लव जिहाद' का आरोप (Love Jihad Controversy) लगाया है. वहीं, वाम दल के एक वरिष्ठ नेता ने इस आरोप का समर्थन किया था, लेकिन बाद में उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया. माकपा ने बुधवार को स्पष्ट किया कि अंतर धार्मिक विवाहों में कुछ भी अस्वाभाविक नहीं है. 'लव जिहाद' का अभियान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) तथा संघ परिवार ने चला रखा है.
सऊदी अरब में नर्स का काम करने वाली युवती के रिश्तेदारों ने 'लव जिहाद' का आरोप लगाया है. युवती ने हाल में अपने परिवार की मर्जी के बिना DYFI के स्थानीय मुस्लिम कार्यकर्ता शेजिन से विवाह किया था. घटना के सिलसिले में कथित 'लव जिहाद' के खिलाफ तिरुवंबाडी में नन सहित ईसाई समुदाय के एक वर्ग ने प्रदर्शन किया. माकपा जिला सचिवालय सदस्य और पूर्व विधायक जॉर्ज एम थॉमस ने मंगलवार को बयान जारी कर लव जिहाद के आरोपों का समर्थन किया, जिसके चलते विवाद और बढ़ गया. सोशल मीडिया पर सत्तारूढ़ दल के खिलाफ कुछ लोगों ने अभियान भी चलाया. हालांकि, माकपा जिला नेतृत्व ने हस्तक्षेप किया और थॉमस ने स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने कहा कि लव जिहाद शब्द का इस्तेमाल दक्षिणपंथी संगठन यह दावा करने के लिए करते हैं कि मुस्लिम पुरुष अन्य धर्मों की महिलाओं को इस्लाम में धर्मांतरित करने के लिए लुभाते हैं.
थॉमस की टिप्पणी की निंदा करते हुए, माकपा कोझीकोड जिला सचिव पी मोहनन ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी ने कभी भी अंतर धार्मिक विवाह (interfaith marriage in kerala) को 'लव जिहाद' नहीं बताया है. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि 'लव जिहाद' शब्द का इस्तेमाल RSS और संघ परिवार धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमला करने के लिए करते हैं. इस विषय पर माकपा पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है. विवाह व्यक्तियों की पसंद है और देश की कानूनी व्यवस्था वयस्कों को उनकी पसंद के अनुसार विवाह करने की अनुमति देती है. उन्होंने कहा कि 'लव जिहाद' पर थॉमस की विवादास्पद टिप्पणी को जुबान फिसल जाने के रूप में देखा जाना चाहिए और पूर्व विधायक को भी अब अपनी गलती का एहसास हो गया है.