नई दिल्ली :पेट्रोल और डीजल की कीमतों (prices of petrol and diese) के साथ-साथ रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि की निंदा करते हुए, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने मोदी सरकार के खिलाफ अखिल भारतीय विरोध (All India Protests) का आह्वान किया.
पार्टी की केंद्रीय समिति (central committee) ने स्थानीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए अपनी राज्य इकाइयों को गांवों और तालुकों में लोगों को जुटाने और स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का निर्देश दिया है, क्योंकि कोविड -19 महामारी अभी खत्म नहीं हुई है.
तीन दिनों तक नई दिल्ली में CPIM की केंद्रीय समिति की बैठक आयोजित होने के बाद, पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी (Sitaram Yechur) ने सोमवार को मीडिया को संबोधित किया बैठक के दौरान की गई चर्चाओं और निर्णयों के बारे में जानकारी दी. पार्टी मांग कर रही है कि लोगों को राहत देने के लिए ईंधन पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क (central excise duty) तुरंत वापस लिया जाए.
सीताराम येचुरी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि का आज लगातार पांचवा वां दिन है और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी और बढ़ती परिवहन लागत (transportation costs) के कारण अर्थव्यवस्था ने एक समग्र मुद्रास्फीति को जन्म दिया है. सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हो रही है.
CPIM नेता ने मोदी सरकार के मंत्रियों को ईंधन की कीमतों में वृद्धि को सही ठहराने के लिए भी फटकार लगाई.
उन्होंने कहा, 'ये दावे बेतुके हैं कि पैसे का इस्तेमाल केंद्र सरकार की मुफ्त टीके ( free vaccines) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए किया जा रहा है. अगर लोग डीजल और पेट्रोल के लिए अधिक पैसा दे रहे हैं और उस पैसे का उपयोग टीकों के लिए किया जा रहा है, तो इस देश में टीकाकरण कैसे मुक्त है ?'