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CPIM ने बढ़ती कीमतों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया - राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन

CPIM ने बढ़ती कीमतों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. इस संबंध में CPIM नेता सीताराम येचुरी ने अपनी राज्य इकाइयों को गांवों और तालुकों में लोगों को जुटाने और स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का निर्देश दिया है.

सीताराम येचुरी
सीताराम येचुरी

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Published : Oct 25, 2021, 6:59 PM IST

नई दिल्ली :पेट्रोल और डीजल की कीमतों (prices of petrol and diese) के साथ-साथ रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि की निंदा करते हुए, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने मोदी सरकार के खिलाफ अखिल भारतीय विरोध (All India Protests) का आह्वान किया.

पार्टी की केंद्रीय समिति (central committee) ने स्थानीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए अपनी राज्य इकाइयों को गांवों और तालुकों में लोगों को जुटाने और स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का निर्देश दिया है, क्योंकि कोविड -19 महामारी अभी खत्म नहीं हुई है.

तीन दिनों तक नई दिल्ली में CPIM की केंद्रीय समिति की बैठक आयोजित होने के बाद, पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी (Sitaram Yechur) ने सोमवार को मीडिया को संबोधित किया बैठक के दौरान की गई चर्चाओं और निर्णयों के बारे में जानकारी दी. पार्टी मांग कर रही है कि लोगों को राहत देने के लिए ईंधन पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क (central excise duty) तुरंत वापस लिया जाए.

सीताराम येचुरी का बयान

सीताराम येचुरी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि का आज लगातार पांचवा वां दिन है और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी और बढ़ती परिवहन लागत (transportation costs) के कारण अर्थव्यवस्था ने एक समग्र मुद्रास्फीति को जन्म दिया है. सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हो रही है.

CPIM नेता ने मोदी सरकार के मंत्रियों को ईंधन की कीमतों में वृद्धि को सही ठहराने के लिए भी फटकार लगाई.

उन्होंने कहा, 'ये दावे बेतुके हैं कि पैसे का इस्तेमाल केंद्र सरकार की मुफ्त टीके ( free vaccines) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए किया जा रहा है. अगर लोग डीजल और पेट्रोल के लिए अधिक पैसा दे रहे हैं और उस पैसे का उपयोग टीकों के लिए किया जा रहा है, तो इस देश में टीकाकरण कैसे मुक्त है ?'

उन्होंने आगे कहा कि जब सरकार पहले ही टीकाकरण के लिए 35000 करोड़ रुपये आवंटित कर चुकी है और बजट पहले ही विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं और सब्सिडी (centrally-sponsored schemes and subsidies) के लिए लगभग चार लाख करोड़ रुपये का हो चुका है, तो सरकार को जवाब देना चाहिए कि सारा पैसा कहां गया?

CPIM केंद्रीय समिति ने भी पीएसयू के निजीकरण के विरोध में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (Central Trade Unions) के आह्वान का समर्थन करने का फैसला किया है.

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वामपंथी दल, केंद्रीय ट्रेड यूनियन और सभी वामपंथी किसान संघ (left affiliate farmer unions) किसान विरोध के एक साल पूरे होने पर विरोध की एक श्रृंखला की योजना बना रहे हैं. CPIM ने अपनी सभी इकाइयों और संबद्ध संगठनों को अपनी सभी कॉलों में संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) के साथ जुड़ने का निर्देश दिया है.

वहीं, टाटा समूह द्वारा इंडियन एयरलाइंस (Indian Airlines) के अधिग्रहण पर टिप्पणी करते हुए, येचुरी ने कहा कि टाटा को मुफ्त में एयरलायंस उपहार में दिया गया है. टाटा विमानों और अन्य सुविधाओं के लिए सिर्फ 2700 करोड़ का भुगतान कर रहा है. उन्हें जो कर्ज चुकाना होगा, उनका पुनर्गठन बैंकों द्वारा किया जाएगा.

राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (National Monetization Pipeline) नामक सरकार की बिड की आलोचना करते हुए, सीपीआईएम महासचिव ने कहा कि मोदी सरकार पिछले 70 वर्षों में बनाई गई सभी राष्ट्र संपत्तियों को बेच रही है.

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