दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

यूसीसी राजनीतिक हथियार, भाजपा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए कर रही इसका इस्तेमाल : येचुरी

यूसीसी पर चर्चा के लिए आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने दावा किया कि यूसीसी एक राजनीतिक हथियार है जिसका इस्तेमाल भाजपा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को तेज करने के लिए कर रही है. पढ़ें पूरी खबर...

Sitaram Yechury
सीताराम येचुरी

By

Published : Jul 15, 2023, 2:25 PM IST

Updated : Jul 15, 2023, 8:54 PM IST

कोझिकोड : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने शनिवार को दावा किया कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) एक राजनीतिक हथियार है जिसका इस्तेमाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को तेज करने के लिए कर रही है. वाम दल द्वारा यूसीसी पर चर्चा के लिए आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एकरूपता का मतलब समानता नहीं है.

येचुरी ने कहा कि भेदभावपूर्ण कानूनों को पूरे समुदाय के परामर्श से ठीक किया जाना चाहिए, न कि ऊपर से यूसीसी थोपकर. माकपा महासचिव ने कहा, 'एकरूपता का मतलब समानता नहीं है। माकपा समानता के लिए खड़ी है जैसे कि भारत का संविधान समानता के लिए है...और यह वह समानता है जिसके लिए हमें लड़ने की ज़रूरत है...हममें से हर कोई पहले एक इंसान है और उसके बाद बाकी कुछ.'

माकपा नेता ने कहा कि 21वें विधि आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया था कि यूसीसी इस स्तर पर न तो आवश्यक है और न ही वांछनीय. येचुरी ने कहा कि एकरूपता थोपने का कोई भी प्रयास हमारे सामाजिक ताने-बाने को तोड़ देगा. येचुरी ने आरोप लगाया, 'यूसीसी एक नारा है जो सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को तेज करने के लिए है. यह वास्तव में कोई एकरूपता हासिल करने के लिए नहीं है...बल्कि इसे भाजपा द्वारा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को तेज करने के लिए एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.'

संगोष्ठी सरोवरम बायोपार्क के पास कालीकट ट्रेड सेंटर में आयोजित की गई. समस्त केरल जमीयत उलमा सहित मुस्लिम समुदाय के विभिन्न संगठन और ईसाई समुदायों के कई संगठन इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं. सांसद एलामाराम करीम और जोस के. मणि, मंत्री पी.ए. मोहम्मद रियास, ए.के. ससींद्रन समेत विभिन्न पादरी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए हैं.

यूसीसी विवाह, तलाक और विरासत पर कानूनों के एक सामान्य सेट को संदर्भित करता है जो धर्म, जनजाति या अन्य स्थानीय रीति-रिवाजों के बावजूद सभी भारतीय नागरिकों पर लागू होगा. विधि आयोग ने शुक्रवार को जनता के लिए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर अपने विचार भेजने की समय सीमा 28 जुलाई तक बढ़ा दी, यह कहते हुए कि भारी प्रतिक्रिया और सुझाव प्रस्तुत करने के लिए अधिक समय मांगने वाले कई अनुरोधों के बाद यह निर्णय लिया गया.

ये भी पढ़ें

Last Updated : Jul 15, 2023, 8:54 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details