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CoWin Data Leaked: हजारों भारतीयों का कोविड-19 संबंधी डेटा सरकारी सर्वर से लीक, सरकार का इनकार

रेड फोरम पर साझा किए गए नमूना दस्तावेज से पता चलता है कि लीक डेटा कोविन पोर्टल पर अपलोड करने के लिए था. हालांकि, सरकार ने साफ किया है कि किसी तरह का डाटा लीक नहीं हुआ है.

CoWin Data Leaked
हजारों भारतीयों का कोविड-19 संबंधी डेटा सरकारी सर्वर से लीक

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Published : Jan 21, 2022, 9:57 PM IST

नई दिल्ली :भारत में हजारों लोगों का व्यक्तिगत डेटा एक सरकारी सर्वर से लीक हो गया है जिसमें उनका नाम, मोबाइल नंबर, पता और कोविड जांच परिणाम शामिल हैं और इन सूचनाओं को ऑनलाइन खोज के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है. लीक हुए डेटा को ‘रेड फोरम’ की वेबसाइट पर बिक्री के लिए रखा गया है, जहां एक साइबर अपराधी ने 20,000 से अधिक लोगों के व्यक्तिगत डेटा होने का दावा किया है. हालांकि, सरकार ने साफ किया है कि किसी तरह का डाटा लीक नहीं हुआ है.

रेड फोरम पर डाले गये डेटा से इन लोगों का नाम, उम्र, लिंग, मोबाइल नंबर, पता, तारीख और कोविड-19 जांच के परिणाम का पता चलता है. साइबर सुरक्षा शोधकर्ता राजशेखर राजहरिया ने ट्वीट किया कि व्यक्तिगत पहचान योग्य जानकारी (पीआईआई) जिसमें नाम और कोविड-19 परिणाम शामिल हैं, एक सामग्री वितरण नेटवर्क (सीडीएन) के माध्यम से सार्वजनिक की गई है. राजहरिया ने ट्वीट में कहा कि पीआईआई, जिसमें कोविड-19 आरटीपीसीआर परिणाम और कोविन डेटा का नाम, मोबाइल, पता आदि शामिल हैं, एक सरकारी सीडीएन के माध्यम से सार्वजनिक हो रहे हैं. गूगल ने लगभग नौ लाख सार्वजनिक / निजी सरकारी दस्तावेजों को सर्च इंजन में क्रमबद्ध किया है. रोगी का डेटा अब ‘डार्कवेब’ पर सूचीबद्ध है. इसे तेजी से हटाये जाने की जरूरत है.

हम मामले की जांच कर रहे हैंः सरकार

सरकार ने कहा कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कोविन पोर्टल में संग्रहीत डाटा ऑनलाइन लीक हो गया है. यह स्पष्ट किया जाता है कि कोविन पोर्टल से कोई डाटा लीक नहीं हुआ है और लोगों का पूरा डाटा इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित. यह भी स्पष्ट किया जाता है कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय इस खबर की जांच करेगा, प्रथम दृष्टया यह दावा सही नहीं है, क्योंकि कोविन न तो किसी व्यक्ति का पता एकत्र करता है और न ही आरटी-पीसीआर परीक्षण के परिणाम.

वहीं, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि कोविन से डेटा लीक के संबंध में हम मामले की जांच करवा रहे हैं. हालाकि, पहील नजर में ऐसा लगता है कि कथित डाटा लीक कोविन से संबंधित नहीं है क्योंकि हम न तो पते को लेकर और न ही लाभार्थियों के कोविड-19 स्थिति के बारे में कोई जानकारी एकत्र करते हैं.

डार्क वेब पर बेचा जा रहा है डेटा

रेड फोरम पर साझा किए गए नमूना दस्तावेज से पता चलता है कि लीक डेटा कोविन पोर्टल पर अपलोड था. सरकार ने कोविड-19 महामारी और इसके टीकाकरण अभियान के बारे में जागरूकता पैदा करने के मामले में डिजिटल तकनीकों पर बहुत अधिक भरोसा किया है. कई सरकारी विभाग लोगों को कोविड-19 संबंधित सेवाओं और सूचनाओं के लिए आरोग्य सेतु ऐप का उपयोग करने की सलाह देते हैं. राजहरिया ने 20 जनवरी को एक ट्वीट में कहा कि वह लोगों को धोखाधड़ी कॉल, कोविड-19 से संबंधित पेशकश आदि से सतर्क रहने के लिए सावधान कर रहे हैं, क्योंकि उनका डेटा डार्क वेब पर बेचा जा रहा है. डार्क वेब पर बेचे जाने वाले डेटा का इस्तेमाल अक्सर साइबर अपराधियों और जालसाजों द्वारा विभिन्न प्रकार की धोखाधड़ी के लिए किया जाता है.

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