कुरनूल : आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में लोगों ने उगादी को अनोखे तरीके से (Ugadi celebrated in a unique way in kurnool andhra pradesh) मनाया है. असपारी मंडल के कैरप्पला गांव में लोगों ने पिडकला समरम (Pidakala Samaram-fighting with cow dung cakes) पूरे जोश के साथ मनाया. दरअसल, पिडकला समरम में भगवान वीरभद्र स्वामी का जुलूस निकाला जाता है. इस दौरान सारे ग्रामीण दो समूहों में बंट जाते हैं. इसके बाद दोनों समूह एक-दूसरे पर गाय के गोबर से बने उपले से हमला करते हैं. कुछ इसी तरह से रविवार की शाम को भी पिडकला समरम आयोजित हुआ.
जानकारी के मुताबिक, कुरनूल के अस्पारी मंडल के कैरप्पला गांव में श्री भद्रकाली देवी और वीरभद्र स्वामी के मंदिर का इतिहास कुछ सौ साल पुराना है. मंदिर का इतिहास कहता है कि त्रेता युग में भद्रकाली देवी और वीरभद्र स्वामी प्रेमी-प्रेमिका थे. लेकिन दोनों के यही प्रेम संबंध आगे चलकर दोनों के विवाद का कारण बनता है. वीरभद्र स्वामी ने भद्रकाली देवी से शादी करने में देरी की. इसके क्रोध में भद्रकाली देवी के भक्तों ने सोचा कि इस अपमान का बदला वीरभद्र स्वामी को गोबर के उपले से मारकर लिया जाए.
इस बात से अवगत वीरभद्र स्वामी के भक्तों ने भी भगवान से भद्रकाली देवी मंदिर की ओर न जाने की प्रार्थना की. वीरभद्र स्वामी भक्तों की बातों की परवाह किए बगैर भद्रकाली देवी मंदिर की तरफ चले गए. तभी भद्रकाली देवी के भक्तों ने जैसे ही वीरभद्र स्वामी को आते देखा, उन पर गोबर के उपले फेंकने शुरू कर दिये. वहीं, वीरभद्र स्वामी के भक्त भी पलटवार करने लगे. बस यही रिवाज तब से लेकर आजतक चली आ रही है.